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मुंबई : विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष की परीक्षा को  लेकर व्याप्त अनिश्चितता जल्द समाप्त हो जाएगी. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से कहा है कि एक भी विद्यार्थी वायरस से संक्रमित न हो इस बात का ध्यान रख कर विश्वविद्यालय की परीक्षाएं ली जाएं. उन्होंने कहा है कि इसके लिए परीक्षा पद्धति एवं समय सारिणी तय कर विद्यार्थियों एवं अभिभावकों की चिंता समाप्त की जानी चाहिए. 

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना को आंख खोलने वाला वायरस बताते हुए कहा कि यह एक तरह से अवसर है.जिसके तहत महाराष्ट्र में प्राथमिक से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने एवं उससे प्रादेशिक विषमता समाप्त करने का प्रयास किया जाना चाहिए.   मुख्यमंत्री ने शनिवार को विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात की.उन्होंने कहा कि अब यह तय है कि  जुलाई में परीक्षाएं नहीं हो सकती हैं, लेकिन इस संबंध में अनिश्चितता समाप्त होनी चाहिए और सभी विकल्पों का पता लगाया जाना चाहिए. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की वजह से अब सभी चीजें गौड़ हो गईं हैं.आर्थिक वर्ष आगे खिसक गया है.नया शैक्षणिक वर्ष कब से शुरु होगा इसको लेकर अलग-अलग प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं. लेकिन फिलहाल परीक्षा को लेकर अनिश्चितता समाप्त की जानी चाहिए. विद्यार्थियों में उनके भविष्य को लेकर चिंता है.मुख्यमंत्री ने शिक्षा पद्धति को लेकर भी संशोधन करने का निर्देश दिया है.उन्होंने कहा कि विदेशों में जिस तरह से पढ़ाई होती है, विशेषकर विश्वविद्यालयों में किस तरह से शिक्षा दी जाती है उस पर अभ्यास किया जाना चाहिए. इसका कारण यह भी है कि यहां से डिग्री लेकर विद्यार्थी विदेशों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए जाते हैं. उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत ही शिक्षा को जीवनावश्यक के रूप में देखा जाना चाहिए.



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