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नवी मुंबई : लॉकडाउन में बेहाल मजदूरों, गरीबों और जरूरतमंदों को राशन मिल रहा है, मुफ्त भोजन मिल रहा है जिससे हजारों लोग नवी मुंबई में जिन्दा हैं. हालांकि कुछ लोग जरूरतमंदों को राशन बांटने के नाम पर राजनीति और दिखावा कर रहे हैं. बता दें कि राज्य सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार गरीबों एवं जरूरतमंदों को राशन या खाद्यान्न बांटने की फोटो या वीडियो शेयर करने की मनाही है. हालांकि फिर भी लोग इससे बाज नहीं आ रहे हैं. कोरोना संक्रमण की लाकडाउन के बीच हालांकि नवी मुंबई में होने वाले मनपा चुनाव अभी दूर हो गए हैं लेकिन फिर भी कुछ पदाधिकारी और नगरसेवक रोजाना इसका प्रचार कर रहे हैं. इसके  पीछे राजनीतिक लाभ की कोशिश है यह कहने की जरूरत नहीं है. सच्चाई ये है कि मजबूर और बेबस लोगों के साथ फोटो खिंचवा कर उनकी बेबसी का मजाक उड़ाना नहीं तो और क्या है.

वहीं कुछ एक्सपर्ट एवं समाजसेवी इसके लिए सरकार की विफलता मान रहे हैं. तकरीबन 2000 जरूरतमंदों को राशन सामग्री  बांट चुके समाजसेवी मारकंडेय हरिओम के अनुसार कोरोना की प्राकृतिक आपदा में सेवा और सुविधाएं देना सरकार और प्रशासन की पूर्ण जिम्मेदारी है, लेकिन अधिकारी हैं कि संसाधनों के अभाव का रोना रोकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं. नागरिकों को  घर से बाहर निकलने की पाबंदी है फिर भी जब भूखे नागरिकों को खाना पहुंचाने की बात करते हैं तो उन्हें सेन्टर पर बुलाते हैं. सवाल ये है कि जब घर से बाहर नहीं जाना है तो फिर खाने के लिए थाली लेकर जरूरतमंद कैसे जाएं. उन्होंने कहा कि सरकार मजदूरों-गरीबों को दो वक्त का खाना देने में विफल हो चुकी है. इसीलिए मजदूर पलायन को  विवश हैं. 


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