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मुंबई : महानगर में कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों के करीबियों और संपर्क में आने वालों की खोज तेज की जाएगी। यह आदेश बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी ने दिया है। परदेशी ने कहा कि मुंबई में ऐसे लोगों को खोज कर तत्काल उनका क्वारंटीन किया जाए। इस आदेश को लागू करने की जिम्मेदारी वॉर्ड ऑफिसर को दी गई है। अब यह वॉर्ड ऑफिसर की जिम्मेदारी है कि ऐसे लोगों को कैसे खोजा जाए। साथ ही वॉर्ड ऑफिसर को ही क्लोज कॉन्टेक्ट वालों को क्वारंटीन की व्यवस्था करनी पड़ेगी। कोरोना वायरस से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका सोशल डिस्टेंसिंग है, इसलिए पॉजिटिव पाए गए मरीज के संपर्क में आने वाले व्यक्ति का 14 दिनों तक क्वारंटीन में रहना जरूरी है। इस दौरान व्यक्ति में कोई लक्षण पाए जाने पर हाई रिस्क और लक्षण न पाए जाने पर लो रिस्क में रखा जाए। ऐसे लोगों को या तो उनके घरों में ही क्वारंटीन किया जाए या बीएमसी द्वारा बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में रखा जाए। कमिश्नर ने आदेश दिया कि मुंबई में ऐसे लोगों की खोज तेज की जाए।

कमिश्नर ने निर्देश दिया कि क्वारंटीन किए जाने वाले व्यक्ति को उसके घर में 'एक व्यक्ति, एक कमरा' नियम के तहत रखा जाए। यदि ऐसी सुविधा नहीं है, तो बीएमसी के क्वारंटीन सेंटर में रखा जाए। बीएमसी का कहना है कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोग खुद सामने नहीं आ रहे हैं। ऐसे लोग क्वारंटीन से बचने के लिए ऐसा कर रहे हैं। इससे कोरोना वायरस के फैलने की आशंका बढ़ गई है। इसीलिए बीएमसी ने ऐसे लोगों को खोज कर क्वारंटीन करने का फैसला किया है। 

डायलिसिस के लिए आने वाले हर मरीजों की कोरोना के लक्षणों की जांच होगी। उनमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं दिखाई देने पर सामान्य डायलिसिस केंद्रों पर जांच होगी। अगर डायलिसिस के लिए आए मरीज में कोरोना वायरस का कोई लक्षण दिखाई देता है, तो उसे स्वतंत्र डायलिसिस केंद्र पर भेजा जाएगा। डायलिसिस मशीन से कोरोना वायरस का संक्रमण दूसरे व्यक्तियों को हो सकता है। इसे देखते हुए बीएमसी ने कोरोना वायरस से मरीजों के लिए स्वतंत्र डायलिसिस केंद्र बनाने की निर्णय लिया है। इसी कड़ी में सोमवार को बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी ने के पश्चिम विभाग स्थित मिल्लत नगर डायलिसिस को अपने कब्जे में लेने का निर्देश वार्ड ऑफिसर को दिए हैं। साथ ही, सेवन हिल्स अस्पताल में 20 डायलिसिस मशीन बिठाने के आदेश दिए हैं। 

बीएमसी अधिकारियों के मुताबिक, डायलिसिस केंद्रों के नए नियम लागू किए गए हैं। ये नियम मरीजों के हितों की सुरक्षा करने वाले हैं। हर डायलिसिस केंद्रों को कहा गया है कि जो भी मरीज डायलिसिस कराने आये5, सबसे पहले कोरोना वायरस के लक्षणों की प्राथमिक जांच की जाए। अगर इस जांच में मरीज सामान्य पाए जाते हैं, उन्हें सर्दी, खांसी और बुखार नहीं है, तभी उनकी डायलिसिस की जाए। लेकिन, अगर उनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें गंभीरता से लिया जाए और तुरंत कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए बनाए गए डायलिसिस केंद्रों पर उपचार के लिए भेजा जाए।


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