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नागपुर : जिले में कोयले की तस्करी और जमाखोरी का खेल धड़ल्ले से जारी है. महाराष्ट्र के कई जिलो में कोयले की खदान हैं. इन खदानों के माध्यम से कोयले का परिवहन नागपुर जिले से किया जाता है. कोयले के परिवहन में बड़ी मात्रा में हेरा-फेरी कर भंडारा रोड, बूटीबोरी एमआईडीसी क्षेत्रों में सर्वाधिक कोयला जमा किया जा रहा है. इस तरह से अवैध रूप से कोयला जमा किये जाने से नागरिकों के स्वास्थ्य को लेकर खतरा मंडरा रहा है. इससे अनेकों को गंभीर बीमारियां हो रही हैं. इस जमाखोरी और तस्करी की शिकायत सांसद कृपाल तुमाने ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से की है.

तुमाने के अनुसार देश के सभी राज्यों में खदान से कोयला निकलने के बाद वह सीधे पावर प्लांट में जाता है. लेकिन बाहर के राज्य के कोयला ट्रांसपोर्ट के ठेके नागपुर के ट्रांसपोर्टरों को मिलते हैं. यह सभी ट्रांसपोर्टर डब्ल्यूसीएल के अधिकारियों के साथ लेन-देन कर अच्छा कोयला खदान से लाते हैं और वह अपने शहर के गोदाम में खाली करते हैं और निकृष्ट कोयला ट्रकों में भरते हैं. इस तरह से बड़े प्रमाण में कोयले की हेरा-फेरी का खेल चल रहा है. इस तरह से ट्रक वाले और गोदाम संचालक करोड़ों रुपये अवैध तरीके से कमा रहे हैं. इस तरह से कोयला जमाखोरी का खेल दिनोंदिन बढ़ते जा रहा है.

कई स्थानों पर अवैध तरीके से कोयला जमा करने के चलते नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ते जा रहा है. इससे कई घातक बीमारियां हो रही हैं. इतना होने के बाद भी किसी विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है और न ही पर्यावरण विभाग इस पर कोई कार्रवाई कर रहा है. इस लेन-देन के खेल में पर्यावरण विभाग भी पूरी तरह से शामिल है. इसके चलते ही यह जमाखोरी और तस्करी का खेल धड़ल्ले से चल रहा है और लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है. तुमाने ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे इस पर तुरंत रोक लगाकर लोगों के स्वास्थ्य का नुकसान होने से बचायें. वहीं इस खेल में शामिल लोगों पर कार्रवाई करें.


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