Latest News

मुंबई : एलओसी पर युद्ध की घोषणा के बिना मिसाइलों का इस्तेमाल दरअसल पाक सेना की उन फारवर्ड पोस्टों को नेस्तनाबूद करने के लिए किया जा रहा है जो पिछले एक अरसे से आतंकियों को इस ओर धकेलने के लिए लांचिंग पैडों में बदल दी गई है। स्पष्ट शब्दों में कहें तो पाकिस्तान से सटी 1098 किमी लम्बी सीमा पर, खासकर एलओसी पर, भारतीय सेना के निशाने और कुछ नहीं बल्कि पाक सेना की वे अग्रिम चौकियां हैं जो आतंकियों के लिए एडवांस ट्रेनिंग कैम्पों के साथ-साथ उनके लिए ‘लांचिंग पैडों’ का कार्य कर रही हैं।

रक्षाधिकारियों के मुताबिक, एलओसी पर पाक गोलाबारी का जवाब देने की खातिर अब तोपखानों के साथ ही टैंकरोधी मिसाइलों का भी खुल कर इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसा पाकिस्तान तथा पाक कब्जेवाले कश्मीर पर भीतर तक तथा सटीक मार करने के लिए है और चौंकानेवाला तथ्य यह है कि इन तोपखानों के निशाने पाक सेना की वे अग्रिम सीमा चौकियां हैं जहां से एडवासं ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद आतंकियों को इस ओर धकेला जाता है छोटे छोटे दलों में।

हाल ही में गिरफ्तार तथा मारे गए आतंकियों के कब्जे से बरामद दस्तावेजों से हुए रहस्योदघाटन के बाद, ऐसी चौकियों पर हमले तेज भी हुए हैं। विशेषकर एलओसी से सटी हुई अग्रिम चौकियों पर जहां से आतंकियों को इस ओर धकेला जा रहा है।

सूत्र बताते हैं कि इन लांचिंग पैडों के भीतर भी आतंकियों को भारतीय सेना पर गोलीबारी तथा गोलाबारी करना सिखाया जाता है और अगर वे आतंकियाें को भारतीय क्षेत्रों में धकेलने में नाकामयाब रहते हैं तो ये लांचिग पैड उनके लिए बढ़िया शरणस्थल के बतौर भी कार्य करते हैं। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, अग्रिम सीमा चौकिओं का इस्तेमाल एडवांस टेªनिंग कैम्पों तथा लांचिंग पैडों के रूप में किया जा रहा है इस प्रकार की खबरें एक लम्बे अरसे से आ रही थीं और इन खबरों के पश्चात ही पहली बार भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक भी की थी।


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement