मुंबई : ढोल बजाकर बकायेदारों को जगा रही बीएमसी
मुंबई : आर्थिक रूप से देश की सबसे मजबूत मुंबई महानगरपालिका प्रॉपर्टी टैक्स वसूली के लिए बकायेदारों के घरों के सामने ढोल-तासे बजा रही है। साथ ही बीएमसी कर्मचारी माइक के जरिए प्रॉपर्टी टैक्स भरने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। जिन बिल्डिंगों और कमर्शियल पैलेस का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है, उसके सामने बीएमसी के लोग ढोल-तासे बजा कर कह रहे हैं कि प्रॉपर्टी टैक्स भरना आप का कानूनी फर्ज ही नहीं, सामाजिक कर्तव्य भी है। मुंबई में प्रॉपर्टी टैक्स न भरने वाली कुछ इमारतों का पानी सप्लाय भी बंद कर दिया है। बीएमसी की इस कार्रवाई का विरोध शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर बीएमसी के टैक्स वसूली प्रक्रिया और कनेक्शन काटने की लोग आलोचना कर रहे हैं। ज्यादातर लोगों का कहना है कि बीएमसी सालभर सोती रहती है, जनवरी से मार्च के बीच एकाएक नींद से जागती है।
बता दें कि 4 फरवरी को पेश बीएमसी बजट में कमिश्नर प्रवीण परदेशी ने घटती कमाई के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि मुंबई में 500 वर्गफुट तक के घरों से प्रॉपर्टी टैक्स नहीं वसूला जा रहा है। जिसके कारण बीएमसी के खजाने में 335 करोड़ रुपये की वार्षिक कमी आई है। रियल इस्टेट और बाजार में मंदी के कारण प्रॉपर्टी टैक्स वसूली में काफी कमी आई है। उन्होंने बताया कि बीएमसी का 15,000 करोड़ रुपये लोगों पर प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में बकाया है। बीएमसी ने प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने के लिए वार्ड लेबल पर अभियान शुरू किया है। हर वार्ड के बकायादारों की बीएमसी अधिकारियों को लिस्ट सौंपी गई है। इसकी मदद से वे ढोल-तासों और माइक के साथ लोगों की इमारतों और घरों के सामने जाकर लोगों से प्रॉपर्टी टैक्स भरने के लिए आग्रह कर रहे हैं।
बीजेपी की नगर सेविका नेहल शाह ने बताया कि बीएमसी ने तीन इमारतों का पानी कनेक्शन काट दिया है। इसमें सायन की सेवा समिति, माटुंगा की पलइ निकेतन इमारत शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बिल्डर अपनी प्रॉपर्टी सेल करके चला गया, अब प्रॉपर्टी टैक्स वहां के रहने वालों से वसूला जा रहा है। बिल्डर की गलती की सजा आम लोगों को क्यों दी जा रही है? प्रॉपर्टी टैक्स भरने के लिए बीएमसी बाकायदा स्लोगन का इस्तेमाल कर रही है। 'आप तय कीजिए की आपकी प्रॉपर्टी टैक्स समय पर भरा जाए', 'टैक्स भरना आपकी कानूनी ही नहीं, नैतिक जिम्मेदारी भी है', 'टैक्स भरेंगे तो आपको सफाई, पानी और बेहतर रोड मिलेंगे', 'यदि आपने समय पर भरा प्रॉपर्टी टैक्स तो आपके द्वार नहीं बजेगा ढोल-तासा' आदि।
बीएमसी के लिए प्रॉपर्टी टैक्स राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है। बीएमसी मुंबई में चार लाख प्रॉपर्टी मालिकों से संपत्ति कर के रूप में हर साल करीब 5,000 करोड़ जमा करती है। दिसंबर 2019 तक बीएमसी ने प्रॉपर्टी टैक्स वसूली के जरिए लगभग 1,700 करोड़ रुपये इकट्ठा किए हैं, जो वर्ष 2018 में इसी अवधि के दौरान जमा किए गए 2,400 करोड़ रुपये की तुलना में 700 करोड़ कम है। बीएमसी के इस अभियान की सोशल मीडिया पर काफी किरकिरी हो रही है। जयंत कार्निक ने ट्वीटर पर लिखा कि ध्वनि प्रदूषण के लोगों पर दंड लगाया जाता है, जबकि बीएमसी बड़े पैमाने पर ध्वनि प्रदूषण कर रही है। क्या बीएमसी के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी? वहीं अन्य लोगों ने इसकी आलोचना करते हुए लिखा है कि वित्त वर्ष के आखिरी महीने में बीएमसी एकाएक सक्रिय हो जाती है।