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नवी मुंबई : 21वीं सदी के शहर का ढिंडोरा पीटने वाली नवी मुंबई महानगर पालिका का नया बजट वास्तविक नहीं बल्कि जनता के साथ छलावा है. इसलिए 3850 करोड़ के इस भारी भरकम प्राथमिक बजट को कम करते हुए नवी मुंबईकरों के सामने वास्तविक बजट पेश होना चाहिए. यह मांग यूथ कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आनंद सिंह बंटी ने की है. बीते महीने भी आनंद सिंह ने मनपा आयुक्त को ज्ञापन देकर पिछले 2019-2020 के 4020 करोड़ के बजट का खुलासा करने की मांग की थी. लेकिन मनपा ने दूसरा बजट पेश कर दिया और जवाब तक नहीं दिया.

 गौरतलब है कि नवी मुंबई मनपा हर साल भारी भरकम आंकड़ों के साथ बजट में विकास का दम भरती रही है, हालांकि जमीनी स्तर पर उसका कुछ भी लेना देना नहीं होता. बीते वर्ष 2019-20 के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि किस तरह 3456 करोड़ के प्राथमिक बजट में स्टैंडिंग कमेटी ने 173 करोड़ जोड़ा और महासभा ने 139 करोड़ जोड़कर इसे सुधारित बजट के तौर पर 4020 करोड़ तक पहुंचा दिया था. इसकी सबसे बड़ी हकीकत ये रही कि एनएमएमसी न तो प्रस्तावित राजस्व वसूली का टार्गेट पूरा कर पाई, न ही विकास प्रोजेक्ट ही साकार हो सके. दुबारा लच्छेदार आंकड़े पेश किए गए हैं. एक बार फिर मनपा आयुक्त एबी मिसाल और महापौर जयवंत सुतार जनता के हित का डंका पीटते हुए नवी मुंबई को विकास की बुलंदी पर ले जाने का दावा कर रहे हैं.

महाराष्ट्र युवक काँग्रेस के प्रवक्ता आनंद सिंह बंटी ने वर्ष 2020-2021 के प्रस्तावित बजट को पिछले वर्ष की तरह अवास्तविक बताते हुए उसके औचित्य पर सवाल उठाया है. नागरी सुविधा और आस्थापना दोनों पर तकरीबन 950 करोड़ का समान खर्च पर सवाल उठाते हुए यूकां प्रवक्ता ने कहा कि पिछली बार 122 करोड़ ईगवर्नेंस पर खर्च किए गए लेकिन काम कुछ भी नहीं हुआ. न कामकाज का तरीका बदला, न जनता को लाभ मिला इसलिए ऐसा बजट नवी मुंबईकरों के साथ विश्वासघात है. उन्होंने बजट पर सार्वजनिक खुलासा करने की मांग दोहरायी.


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