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मुंबई: महाराष्ट्र से मछली निर्यात को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने नई पहल की है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सामने 9 फिशिंग डॉक और 16 जेट्टी बनाने प्रस्ताव रखा है, जिस पर करीब 1,828 करोड़ रुपये खर्च आने का प्राथमिक अनुमान है। महाराष्ट्र का समुद्री तट करीब 720 किलोमीटर के दायरे तक फैला है। करीब एक लाख 12 वर्ग किलोमीटर की हद में मछली पकड़ने का काम किया जाता है।

मछली पकड़ने के लिए 16,894 मच्छीमार नौकाएं हैं, जिनमें 13,548 नौकाओं को आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है। सन 2018-19 में 4.60 लाख मैट्रिक टन मछलियां पकड़ी गई थीं, जिनकी बाजार में कीमत करीब 6,900 करोड़ रुपये थी। इसलिए सरकार मछुआरों को ज्यादा सुविधाएं देने की योजना पर काम कर रही है। उसी के तहत राज्य सरकार दो अलग-अलग चरणों में 9 फिशिंग डॉक बनाने की बात कह रही है। पहले चरण में मुंबई के वर्सोवा, पालघर के सातपाटी और रत्नागिरी के हर्णे व साखरीनाटे में फिशिंग डॉक बनाने की योजना है, जबकि दूसरे चरण में पालघर जिले के टेंभी, नायगांव, अर्नाला के साथ-साथ रायगढ के आगरदांडा व जिवना में फिशिंग डॉक बनाए जाएंगे।


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