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मुंबई : पेंच प्रकल्प के अंतर्गत देवलापार गांव के पास पवनी वनक्षेत्र पालोरा बीट क्रमांक 582 एनएच 44 पर सड़क पार करने के दौरान एक अज्ञात कार की टक्कर से तेंदुए की मौत हो गई. शुक्रवार की सुबह इस घटना का खुलासा हुआ. सड़क पार करने के दौरान वाहन की टक्कर से यह हादसा होने का अंदाजा लगाया जा रहा है. यह हादसा करीब देर रात 3 बजे के बीच होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. सुबह करीब 9 बजे हादसे की जानकारी मिलते ही वन अधिकारी और पशुवैद्यकीय अधिकारी के साथ अन्य कर्मचारियों ने घटनास्थल पर दखल दी. मानक कार्यप्रणाली के तहत घटना के पंचनामा के बाद एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार तेंदुए का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया गया. इस अवसर पर डा. चेतन, डा. मानकर, डा. बिलाल ने पोस्टमार्टम कर तेंदुए का अंतिम संस्कार किया. घटना स्थल पर पेंच व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्रीय संचालक डा. रविकिरण गोवेकर, उपसंचालक अमलेंदु पाठक, सहायक वनसंरक्षक अतुल देवकर, सतपुड़ा फाउंडेशन के सदस्य दिलीप लांजेवार, बीएनएचएस के सदस्य दुधे, वनपरिक्षेत्र अधिकारी ताटे, मोडवान, सूर्यवंशी, संकपाल, बाभले, भोंगाडे, चंदू कोंपले उपस्थित थे. जंगलों से सटे सड़कों के चौड़ाईकरण और राष्ट्रीय महामार्ग के कारण वन्यजीव सड़क क्रास करते समय वाहन दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. वन क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले सभी मार्गों पर रात के समय वाहनों की स्पीड लिमिट तय की गई और जगह-जगह वन्यजीवों के बोर्ड भी लगे होने के बावजूद चालक बेबाक तेज गति से वाहन चला रहे हैं. इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य महामार्ग प्राधिकरण के साथ राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण को नए मार्गों पर अंडर पास और अन्य पर्यायी उपाययोजना करने की आवश्यकता है. स्पीड लिमिट का पालन नहीं होने के कारण वाहनों की टक्कर से वन्यजीवों की मौत होने की घटना काफी बढ़ रही है.


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