मध्य रेलवे में हुआ प्रॉविडेंट फंड घोटाला, रेलवे बोर्ड पहुंचा मामला
मुंबई : आपका बैंक अकाउंट हो या पैसे से जुड़ा कोई अन्य अकाउंट, इससे जुड़ी निजी सूचनाएं किसी से भी शेयर न करें। पुलिस द्वारा जारी किए जाने वाले इन निर्देश के बावजूद लोगों से गलती हो जाती है। मध्य रेलवे में भी ऐसी एक वारदात हुई है, जिसमें कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट से छेड़छाड़ कर 65 लाख रुपये का गबन किया गया है। इस मामले में मुंबई डिविजन रेलवे सुरक्षा बल ने सतीश अग्रवाल नाम के रेल कर्मचारी को गिरफ्तार किया है, जिसने पूरी वारदात को अंजाम दिया। घोटाले से पीड़ित एक रेल कर्मचारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि लेखा अनुभाग में कार्यरत सतीश अग्रवाल ने उनके पीएफ अकाउंट से छेड़छाड़ कर 15 लाख रुपये निकाल लिए। पीड़ित के अनुसार अग्रवाल ने अपनी ग्वालियर प्रॉपर्टी बिक जाने की बात कहकर बताया कि उसका पैसा ज्यादा अमाउंट में है, इसलिए पीड़ित के अकाउंट में कुछ पैसा डालना पड़ेगा। पीड़ित के राजी होने के बाद कथित तौर पर अग्रवाल ने पीड़ित के घर से तीन चेक लिए और उन्हें अलग-अलग अकाउंट में डिपॉजिट कर दिया। पीड़ित के अकाउंट में पैसा किसी प्रॉपर्टी का नहीं, उन्हीं के पीएफ अकाउंट की जमा रकम का था। यह बात पीड़ित को बैंक पहुंचने के बाद पासबुक अपडेट कराते वक्त पता चली।
पासबुक अपडेट कराने के दौरान जब पता चला कि पीड़ित के अकाउंट में पैसा मध्य रेलवे की ओर से जमा हुआ, तो उसे शक हुआ। पीड़ित द्वारा अग्रवाल से पूछने पर उसने बताया कि भरोसा रखो, अकाउंट में कुछ सेटिंग करके ऐसा किया है, पैसा प्रॉपर्टी का ही है। पीड़ित मान गया। इसी दौरान सतीश अग्रवाल का ट्रांसफर अन्य विभाग में हो गया। सतीश अग्रवाल के स्थान पर आए दूसरे अधिकारी को विभाग के इंटिग्रेटेड परोल ऐंड अकाउंटिंग सिस्टम (IPAS) में गड़बड़ियां दिखाई दीं। और जांच करने पर पता चला कि सतीश अग्रवाल ने अपने ही पीएफ अकाउंट की बैक डेट में जाकर जमा रकम का अमाउंट बढ़ा दिया। इतना ही नहीं, उस रकम को उसने पीएफ अकाउंट से अडवांस उठाने के लिए क्लैम भी कर लिया। सतीश अग्रवाल ने पीड़ित के अकाउंट के साथ भी ऐसा ही किया। पीड़ित की ओर से अडवांस पीएफ उठाने की फर्जी अर्जी भी प्रोसेस कर दी। इस अर्जी की साइनिंग अथॉरिटी भी सतीश अग्रवाल था। इसी तरह एक रेलवे के एक रिटायर्ड कर्मचारी और एक मौजूदा कर्मचारी की पत्नी के नाम पर फर्जी अकाउंट बनाकर उनके पीएफ अकाउंट में भी छेड़छाड़ की।
रेलवे के कर्मचारी जो एमआरवीसी, डीएफसीसीएल या एनएचआरसीएल जैसे विभागों में डेप्युटेशन पर चले जाते हैं उनका पीएफ अलग से रेलवे के अकाउंट में जमा होता रहता है। बताया जा रहा है इसी रकम का इस्तेमाल कर सतीश अग्रवाल ने सभी पीड़ित कर्मचारियों के अकाउंट से गड़बड़ी की। जब अन्य विभागों को पता चलाकि पीएफ अकाउंट के पैसे कहीं ट्रांसफर हो रहे हैं, तो समानान्तर जांच शुरू हुई। इसके बाद सतीश अग्रवाल को निलंबित किया गया। मध्य रेलवे पर हुए पीएफ अकाउंट घोटाला के बाद रेलवे बोर्ड से दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें बताया गया है कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपने अकाउंट, पासवर्ड या अन्य डिटेल किसी से शेयर न करें। साथ ही IPAS के एक्सेस को सीमित करने और अधिक सुरक्षित बनाने के दिशा निर्देश दिए गए हैं। बोर्ड के निर्देश के बाद मध्य रेलवे सुरक्षा बल ने भी जांच शुरू की और सोमवार को सतीश अग्रवाल को गिरफ्तार किया।