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नागपुर : महाराष्‍ट्र में 70 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले के आरोप में भ्रष्‍टाचार निरोधक ब्‍यूरो के राज्‍य के डेप्‍युटी सीएम अजित पवार को क्‍लीन चिट दिए जाने के मामले में याचिकाकर्ता जनमंच ने इस पूरे मामले की न्‍यायिक जांच की मांग की है। एनजीओ जनमंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के एक वर्तमान जज या रिटायर जज से इस पूरे मामले की जांच कराई जाए।

बांबे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में शुक्रवार को दायर की गई सुधार याचिका में एनजीओ के वकील फिरदौस मिर्जा ने जोर देकर कहा कि अजित पवार के बेहद प्रभावशाली पद डेप्‍युटी सीएम पर होने के नाते उन्‍हें जांच एजेंसी एसीबी पर अब भरोसा नहीं है। एसीबी सीधे राज्‍य सरकार के अंतर्गत काम करती है। एनजीओ जनमंच ने ही वर्ष 2012-13 में इस घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की थी। बता दें कि सिंचाई घोटाले के सामने आने के बाद राज्‍य की कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार विवादों के घेरे में आ गई थी। एनजीओ ने आरोप लगाया कि एसीबी बारामती से विधायक अजित पवार को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। एनजीओ के पूर्व अध्‍यक्ष शरद पाटिल ने दावा किया कि एसीबी और सरकारी तंत्र 'दस्‍तावेजों को बदलकर और न्‍यायपालिका को भ्रमित कर' अजित पवार को बचा रही है।


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