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नीम हकीम खतरे जान की पुरानी कहावत एक बार फिर सच साबित हुई। आंख के नीचे निकली छोटी सी गांठ का झोलाछाप से ऑपरेशन कराने के बाद बेतिया की एक महिला की जान खतरे में पड़ गई है। ऑपरेशन के बाद आंख तो खराब हुई ही और कैंसर की हड्डियों तक गंभीर स्थिति में पहुंच गया। छोटी सी गांठ अब आंख की जगह पर मांस के लोथड़े की शक्ल ले चुकी है। परिवार के लोग शहर के पोद्दार कैंसर अस्पताल इलाज करा रहे हैं। यह मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का है

छह महीने पहले बिहार के बेतिया जिले की रहने वाली 40 वर्षीया शारदा देवी की बायीं आंख के पास एक गांठ निकली। पति गोपीनाथ इलाज के लिए शारदा को लेकर गांव के ही झोलाछाप के पास पहुंचे। झोलाछाप ने ऑपरेशन किया और दवाएं दीं। इस इलाज के बाद गांठ ठीक होने के बजाए बढ़ने लगी। हालांकि इसके बाद भी शारदा के परिजन झोलाछाप से इलाज कराते रहे और मर्ज बढ़ता गया। 

गांठ मांस के लोथड़े में तब्दील हो गई और महिला की हालत बिगड़ती गई। तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो परिजन शारदा को इलाज के लिए लेकर पहले बेतिया, फिर पटना पहुंचे। पटना के डॉक्टरों ने बनारस स्थित टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल रेफर किया गया। टाटा मेमोरियल अस्पताल में इलाज में काफी खर्च के बाद परिजन शारदा को लेकर गोरखपुर के हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल पहुंचे। यहां आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज किया जा रहा है।


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