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निर्भया केस के चारों दोषियों की डेथ वारंट की कॉपी तिहाड़ जेल पहुंच गई है. कॉपी तिहाड़ प्रशासन ने प्राप्त कर ली है. मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों की फांसी की तारीख तय कर दी. दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, निर्भया केस के दोषियों मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता को जेल नंबर 3 में फांसी दी जाएगी. चारों दोषी फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. फांसी पर लटकाने के लिए इसी फॉर्म नंबर 42 यानी डेथ वारंट का इस्तेमाल होता है. बता दें कि चार दोषियों में एक ने राष्ट्रपति से दया की मांग की थी जबकि एक अन्य दोषी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके मौत की सजा पर पुनर्विचार करने की मांग की थी.
दोषी को 'तब तक फांसी के फंदे पर लटका कर रखा जाए, जब तक उसकी मौत न हो जाए'. यह वाक्यांश क्रिमिनल प्रोसीजर के फॉर्म नंबर 42 पर छपे तीन वाक्यों के दूसरे भाग का हिस्सा है, जिसे डेथ वारंट के नाम से जाना जाता है. दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) का फॉर्म नंबर 42 असल में, दोषी को फांसी की सजा का अनिवार्य आदेश है, जिसे मौत की सजा सुनाई गई है. निर्भया के साथ वर्ष 2012 में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के गुनहगारों के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को डेथ वारंट जारी किया है. पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने डेथ वारंट जारी करते हुए दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी देने का निर्देश दिया है.
16 दिसंबर, 2012 को 23 वर्षीय लड़की के साथ चलती बस में बेरहमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, जिसके चलते बाद में उसकी मौत हो गई थी. मामले में छह आरोपियों को पकड़ा गया था. इन सभी में से एक आरोपी नाबालिग था. उसे जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया था. वहीं, एक अन्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर दी थी. बाकी बचे चारों आरोपियों को ट्रायल कोर्ट ने दोषी माना और सितंबर 2013 में मौत की सजा सुनाई. इसके बाद 2014 में दिल्ली के हाईकोर्ट ने फैसले को बरकरार रखा और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्णय को सही माना. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी थी. पवन गुप्ता, मुकेश सिंह, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर मामले में दोषी पाए गए हैं. दोषियों के वकीलों ने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव याचिका दायर करेंगे. सभी दोषी राष्ट्रपति के पास दया याचिका भी दायर कर सकते हैं.

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