कई साल तक बंधक बना नाबालिग से किया दुष्कर्म, अब तेजाब फेंका
राजपुरा : चाकू की नोंक पर नौवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा को बंधक बनाकर लगातार तीन वर्षों तक अलग-अलग शहरों में दुष्कर्म करने व उसके चंगुल से भागने पर उस पर तेजाब डालकर जलाने का प्रयास करने वाले आरोपी के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्जकर तलाश शुरू कर दी है। सिविल अस्पताल राजपुरा में तेजाब पीड़िता की मां ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि अप्रैल-2017 में जब उसकी बेटी 14 वर्ष की थी और नौवीं कक्षा में दाखिला ले रही थी तो एक लड़का मनजीत जो राजपुरा में अपनी बुआ के पास रहता था, उसे परेशान करता रहता था और उसे व मुझे जान से मारने की धमकियां देता रहता था।
कुछ दिन बाद हमारी लड़की लापता हो गई। काफी तलाशने के बाद जब वह नहीं मिली तो उन्होंने सिटी पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। करीब एक वर्ष बाद पता चला कि वह बेटी को असम के गुवाहाटी ले गया है, जहां उसे बंधक बनाकर दुष्कर्म करता रहा। इसका पता हमें तब चला जब लड़की ने फोन करके सारी जानकारी दी और रो-रोकर उसे ले जाने की बात कही। जब आरोपी मनजीत को पता चला कि लड़की ने अपने परिजनों को सारी जानकारी दे दी है तो वह उसे लेकर अलग-अलग शहरों में ले जाकर मारता-पीटता था और दुष्कर्म करता। पड़िता की मां ने बताया कि कुछ समय पहले धूरी के गांव ढंढियाल में जहां मनजीत के माता-पिता रहते हैं। वहां आरोपी लड़की को लेकर आया और उसे बांधकर रखने लगा, ताकि वह भाग न जाए।
इसी बीच बेटी आरोपी मनजीत के चंगुल से निकलकर 11 दिसंबर को राजपुरा उनके पास आ गई। जब मनजीत को पता चला तो वह भी राजपुरा आ गया और चाकू की नोंक पर धमकाने लगा तो पड़ोसियों ने फौरन पुलिस को फोन कर दिया। इस पर आरोपी फरार हो गया। इसके बाद बेटी को प्राइवेट स्कूल में बच्चों की देखभाल के लिए रखवा दिया। 18 दिसंबर को जब मेरी बेटी स्कूल पैदल जा रही थी तो आरोपी एक वैन से उतरा और गढ़वी में भरा तेजाब उस पर उड़ेल दिया। लेकिन गनीमत रही कि तेजाब चेहरे पर न गिरकर टांगों पर गिरा और वह बुरी तरह झुलस गई। जिसे उपचार के लिए सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया।
कस्तूरबा पुलिस चौकी प्रभारी बलजीत सिंह ने बताया कि सिविल अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल नाबालिग व उसकी मां के बयान दर्ज करके आरोपी मनजीत के खिलाफ तेजाब डालने के साथ अलग-अलग मामलों में केस दर्ज कर लिया है। जल्द आरोपी को काबू कर लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की पाबंदी के बावजूद इलाके के गांवों व शहरों में बिना लाइसेंस के तेजाब की बिक्री जोरों पर है। इसी का नतीजा है कि बुधवार सुबह स्कूल जा रही एक नाबालिग पर तेजाब से हमला हुआ। मगर यहां बिना लाइसेंस तेजाब की बिक्री जोरों पर है। तेजाब की बिक्री पर कंट्रोल के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि कोई भी किराने की दुकान से तेजाब की बोतल खरीद सकता है।
जिक्रयोग है कि सुप्रीम कोर्ट ने 29 सितंबर 2009 को देश में बढ़ रही तेजाब फेंकने की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए यह निर्देश दिए थे कि प्रदेश की सरकारें नीति निर्धारित कर व तेजाब लेने वाले की पहचान करने के बाद ही तेजाब दें। ताकि उसका गलत इस्तेमाल न हो सके। लेकिन कुछ दुकानदारों ने निर्देशों को ताक पर रखकर होलसेल व रिटेल में नमक वाले व गंधक वाले तेजाब की बिक्री कर रहे हैं। कस्तूरबा पुलिस चौकी इंचार्ज बलजीत सिंह का कहना है कि वह उच्च अधिकारियों से बातचीत कर तेजाब की अवैध तौर पर बिक्री करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे। इतना ही नहीं जिस आरोपी ने तेजाब की वारदात को अंजाम दिया है उसे गिरफ्तार कर कहां से वह तेजाब लेकर आया था, उसकी भी जांच कर कार्रवाई करेंगे। वहीं सेहत विभाग का कहना है कि सिविल सर्जन ऑफिस पटियाला से जब भी हमें लाइसेंस चेक करने व कार्रवाई के आदेश मिलेंगे, उसे पूरा किया जाएगा।