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मुंबई : वीर सावरकर को लेकर राहुल गांधी द्वारा दिए बयान पर महाराष्ट्र की सियासत में बवाल जारी है। बीजेपी ने जहां शिवसेना से सत्ता और सावरकर में से एक को चुनने की मांग की है, वहीं उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाअघाड़ी में पार्टियों के बीच समझौता विचारधारा पर नहीं, सिर्फ कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर हुआ है। उद्धव ने कहा कि सावरकर के मुद्दे पर शिवसेना का स्टैंड आज भी वही है, जो महाराष्ट्र की सरकार बनने से पहले था। बीजेपी द्वारा शिवसेना की आलोचना करने के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाअघाड़ी की सरकार में शामिल दलों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच गठबंधन सिर्फ कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर हुआ है। यह समझौता विचारधाराओं पर आधारित नहीं है और सावरकर पर हमारा स्टैंड आज भी वही है जो पहले था। इससे पहले बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा था कि शिवसेना को महाराष्ट्र की सत्ता और वीर सावरकर में से किसी एक को चुनना होगा। उद्धव ठाकरे ने नए नागरिकता कानून को हिंदुत्व विचारक सावरकर के विचारों के खिलाफ बताया है। संवाददाता सम्‍मेलन में ठाकरे ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून दरअसल महिला सुरक्षा, बेरोजगारी और कृषि संकट जैसे असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बनाया गया है। उन्होंने पूछा, क्या सीएए विचारधारा पर आधारित है? इसे लेकर हो रही हिंसा के बारे में क्या कहेंगे?' इससे पहले दिल्ली में कांग्रेस की भारत बचाओ रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने 'रेप इन इंडिया' वाले बयान पर बीजेपी की ओर से माफी की मांग को खारिज करते हुए कहा था कि उनका नाम राहुल गांधी है, न कि राहुल सावरकर और वह कभी सच कहने पर माफी नहीं मांगेंगे। राहुल के बयान पर टिप्पणी करते हुए शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने शनिवार को ट्वीट किया कि हिंदुत्व की विचारधारा के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।  इसके अलावा उद्धव ने मीडिया से नागरिकता संशोधन अधिनियम पर कोई भी बातचीत नहीं की। उद्धव ने पत्रकारों के इस अधिनियम के मुद्दे पर सवाल करने पर सिर्फ इतना कहा कि यह मामला अभी अदालत के पास है। पहले देखते हैं अदालत इस मसले पर क्या फैसला करती है और इसके बाद ही हम अधिनियम पर अपना रुख स्पष्ट करेंगे। 


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