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मुंबई : पार्टी की उपेक्षा से नाराज चल रहे पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे ने भारतीय जनता पार्टी को छोड़ने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पिछले 40 साल से मैं पार्टी के लिए काम कर रहा हूं, लेकिन पिछले कुछ समय में मेरे साथ अन्याय हुआ है। मेरे समर्थकों को लगता है कि मुझे जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। आखिर मैं भी एक आदमी हूं, भगवान नहीं, मेरी भी भावनाएं हैं। यदि इसी तरह मेरे साथ पार्टी में अन्याय जारी रहा, तो मुझे कुछ अलग सोचना पड़ेगा। बीजेपी के दिग्गज नेता खडसे ने आरोप लगाया कि पार्टी में उन्हें दरकिनार कर दिया गया है, जो मेरा अपमान है। मैं कई वर्षों से पार्टी के साथ मिलकर काम कर रहा हूं, पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है, लेकिन अब मैं खुद को पार्टी में अकेला और उपेक्षित महसूस कर रहा हूं। मुझे जानबूझ कर निशाना बनाया जा रहा है। अब मुझे पार्टी की निर्णय प्रक्रिया से भी हटा दिया गया है। मेरे पास कोर कमेटी में भी जगह नहीं है, आज भी मुझे केवल जलगांव में एक बैठक में आमंत्रित किया गया था, जो मेरा अपमान है।

बता दें कि शनिवार को जलगांव में उत्तर महाराष्ट्र के पांच जिलों की कोर कमिटी की बैठक थी,जिसमें खडसे को भी आमंत्रित किया था। दोपहर तक खडसे वहां नहीं पहुंचे थे, जिसके बाद उनके नाराजगी की अटकलें तेज हो गईं थी, हालांकि 3 बजे के बाद वह वहां पहुंचे और बैठक में शामिल हुए। बैठक में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने भी भाग लिया। एकनाथ खडसे और गिरीश महाजन की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। महाजन की चुनौती को स्वीकार करते हुए खडसे ने कहा कि पंकजा मुंडे और रोहिणी खडसे को चुनाव में हराने के लिए पार्टी के किन नेताओं ने भूमिका निभाई समय आने पर सार्वजनिक करूंगा। खडसे ने कहा कि इसके उनके पास नाम के साथ सबूत हैं। बता दें कि विधानसभा चुनाव में पार्टी ने खडसे को टिकट नहीं दिया। उनकी जगह पुत्री रोहिणी को मुक्ताईनगर से उम्मीदवारी दी गई, लेकिन वह भी शिवसेना के बागी उम्मीदवार से चुनाव हार गईं। इसके बाद खडसे ने आरोप लगाया था कि पार्टी के कुछ नेताओं ने रोहिणी को हराने में भूमिका निभाई, इसका मेरे पास सबूत है। पार्टी को मुझे अनुमति दे तो सारे सबूत दे दूंगा। मैंने चंद्रकांत पाटिल से बात की, उन्हें दस्तावेजी सबूत दिए हैं। वहीं, पाटिल ने इस विवाद को पार्टी का आंतरिक मामला बताते हुए स्थिति को संभालने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, जेपी नड्डा और भूपेंद्र यादव को सबूत दिखाया जाएगा, उसके बाद पार्टी के खिलाफ काम करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि खडसे ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं।


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