छगन भुजबल ने दिए संकेत, 17 दिसंबर को हो सकता है उद्धव सरकार कै कैबिनेट विस्तार
मुंबई : काफी विचार-विमर्श और बैठकों के बाद उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। ठाकरे सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने नागपुर में विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना जताई है। उन्होंने कहा कि 16 दिसंबर से नागपुर में राज्य विधानमंडल का अधिवेशन शुरू हो रहा है। हमें उम्मीद है कि सत्र के दूसरे दिन 17 दिसंबर या उसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा। भुजबल के बयान से साफ हो गया है कि शीतकालीन सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होगा। वहीं, ठाकरे सरकार में मंत्री बनने की उम्मीद लगाए विधायकों को अभी 9 से 10 दिन और इंतजार करना पड़ेगा। बीजेपी ने ठाकरे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि मंत्रियों के अब तक विभाग का बंटवारा नहीं हुआ और मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा कुछ पता नहीं है। इस पर भुजबल ने कहा कि विपक्ष जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है, सरकार के कामकाज में कोई अड़चन नहीं है।
बता दें कि उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को शिवाजी पार्क में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ सुभाष देसाई, एकनाथ शिंदे, छगन भुजबल, जयंत पाटील, बालासाहेब थोरात और डॉ. नितिन राउत ने मंत्री पद की शपथ ली थी। 30 नवंबर को उद्धव सरकार ने बहुमत भी सिद्ध कर दिया है। तीनों पक्षों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम भी तय हो चुका है, तीनों दलों के प्रमुख नेताओं की कई बार बैठक हो चुकी है और बैठक का यह सिलसिला अब भी जारी है, लेकिन अभी तक मंत्रियों के विभागों का बंटवारा और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कुछ फाइनल नहीं हो सका है। मंत्रियों के विभागों का बंटवारा और मंत्रिमंडल विस्तार न होने के कारण विपक्ष सरकार की खिल्ली उड़ा रहा है और मंत्रियों को बिना विभाग वाला मंत्री कह रहा है। शिवसेना से किसे मंत्री बनना है यह साफ है, लेकिन एनसीपी-कांग्रेस से कौन मंत्री बनेगा, इस पर अभी आखिरी मुहर नहीं लग पाई है। ठाकरे सरकार में शिवसेना को 15, एनसीपी को 14 और कांग्रेस को 13 मंत्री पद मिलने की उम्मीद है। कांग्रेस से कौन-कौन मंत्री बनेगा, इसकी अनुमति के लिए राज्य के नेता लगातार दिल्ली का दौरा कर रहे हैं, लेकिन कोई लिस्ट फाइनल नहीं हो सकी है। क्योंकि 44 विधायकों वाली कांग्रेस के कई दिग्गज नेता खुद के लिए मंत्री पद मांग रहे हैं। वहीं एनसीपी में मुख्य कश्मकश अजित पवार को लेकर है। सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी प्रमुख शरद पवार अपने भतीजे अजित को लेकर अब तक निर्णय नहीं ले पाए हैं। हालांकि एनसीपी से अन्य संभावित मंत्रियों के नाम लगभग तय हो चुके हैं। मांत्रिमंडल विस्तार में देरी के पीछे कांग्रेस-एनसीपी में विभागों को लेकर खींचतान भी एक कारण माना जा रहा है।