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मुंबई : महाराष्ट्र में एक महीने तक चली राजनीतिक उठापटक के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ तो ले लिया लेकिन कैबिनेट के मंत्री अभी तक पोर्टफोलियो के बिना ही हैं। शिवसेना के साथ ही गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी के बीच प्रमुख विभागों के बंटवारे को लेकर जारी खींचतान को इसकी वजह बताया जा रहा है। सीएम ठाकरे के साथ ही 28 नवंबर को एनसीपी के विधायक जयंत पाटिल और छगन भुजबल, कांग्रेस के विधायक बालासाहेब थोराट और नितिन राउत, शिवसेना के विधायक एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई ने कैबिनेट सदस्यों के तौर पर शपथ लिया था। एक मंत्री ने पहचान जाहिर ना होने की शर्त पर बताया कहा, 'हम उम्मीद कर रहे थे कि सभी मंत्रियों में जल्द से जल्द पोर्टफोलियो का बंटवारा हो जाए। अब लगता है कि खास विभागों की मांग को लेकर पोर्टफोलियो के बंटवारे में देर हो रही है। इस देरी की वजह से प्रशासन पर प्रभाव पड़ रहा है क्योंकि रिजल्ट की घोषणा हुए महीने भर से अधिक हो गया है।'

मंत्री ने बताया कि शिवसेना की तरफ से किसी भी विभाग की मांग नहीं है लेकिन कांग्रेस और एनसीपी वित्त, राजस्व, गृह, हाउसिंग विभाग की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'यह अच्छी स्थिति नहीं है। शरद पवार की अगुवाई में किसी तरह से तीनों दल साथ आए हैं और अब पोर्टफोलियो नहीं बंट पा रहा है। मुझे लगता है कि उद्धव ठाकरे और शरद पवार दोनों को इस विवाद को सुलझाने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा, '16 दिसंबर से शुरू हो रहे आगामी विधानसभा के शीत सत्र को देखते हुए पोर्टफोलियो का बंटवारा महत्वपूर्ण है। देवेंद्र फड़णवीस की अगुवाई वाले दमदार विपक्ष का सामना करने के लिए मंत्रियों को तैयार रहना होगा।' उन्होंने बताया कि तीनों पार्टियां शीत सत्र के बाद इस कैबिनेट के विस्तार करने पर सहमत हुई हैं।


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