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मुंबई : कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से महाराष्‍ट्र में सरकार बनाने वाली शिवसेना ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने पर चिंता जाहिर की है। शिवसेना का कहना है कि ऐसे मामलों में राजनीतिक मतभेदों को अलग रखना चाहिए और किसी को भी किसी की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। बता दें कि केंद्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में गांधी परिवार का विशेष रक्षा समूह (एसपीजी) का सुरक्षा घेरा हटा दिया। इसकी जगह उन्हें सीआरपीएफ का जेड प्लस सिक्‍यॉरिटी उपलब्‍ध कराई गई है।

अपने मुखपत्र ‘सामना’ में शनिवार को संपादकीय में शिवसेना ने पूछा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय में किसे लगता है कि गांधी परिवार पर खतरा कम हो गया है। पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अनुरोध किया कि वह इस मामले पर विचार करे। पीएम मोदी अभी अकेले शख्स हैं जिनके पास एसपीजी की सुरक्षा है।

शिवसेना ने लिखा है, 'चाहे दिल्ली हो या महाराष्ट्र, माहौल भयमुक्त होना चाहिए। यह शासकों की जिम्मेदारी है कि ऐसा माहौल पैदा किया जाए कि लोग भयमुक्त तरीके से काम कर सकें। जब ऐसा माहौल बन जाए तो सुरक्षा घेरा हटाने पर कोई आपत्ति नहीं होगी।’ संपादकीय में कहा गया है, ‘लेकिन प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य नेता अपना सुरक्षा घेरा हटाने के लिए तैयार नहीं हैं। बुलेटप्रूफ वाहनों की महत्ता भी कम नहीं हुई है। इसका मतलब है कि गांधी परिवार की सुरक्षा को लेकर उठाए जा रहे सवालों का कुछ तो आधार है।’ शिवसेना ने कहा, ‘गांधी परिवार के काफिले में पुराने वाहन तैनात किए जाने की खबरें भी चिंताजनक हैं। अगर खतरे की घंटी बज रही है तो प्रधानमंत्री को इस मामले पर विचार करना चाहिए।’

शिवसेना ने कहा, ‘गांधी परिवार पर खतरा कम होने के बारे में शंकाएं अब भी हैं।’ शिवसेना ने 1984 और 1991 में गांधी परिवार के दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गाधी और उनके बेटे राजीव गांधी की हत्याओं को भी याद किया जिसके बाद गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा दी गई थी। पार्टी ने कहा कि 1987 में जब भारत-श्रीलंका शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए तो शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने भी राजीव गांधी की जान पर खतरे की बात की थी।

शिवसेना ने कहा, ‘केंद्र सरकार को लग सकता है कि सब कुछ ठीक है लेकिन कुछ महीने पहले कोलंबो होटल में बम धमाका हुआ। बीजेपी का कांग्रेस या गांधी परिवार के साथ राजनीतिक मतभेद हो सकता है। पिछले पांच वर्षों में नेहरू परिवार के साथ टकराव बढ़ गया है लेकिन किसी को भी किसी की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।’ पार्टी का कहना है कि अगर गांधी परिवार के अलावा कोई और भी होता तो तब भी वह ऐसे ही विचार व्यक्त करती।

गत शनिवार को महाराष्ट्र में रात में राष्ट्रपति शासन हटाए जाने का जिक्र करते हुए शिवसेना ने कहा कि अमित शाह के नेतृत्व वाले मंत्रालय को यह भी लगा कि बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस के पास राज्य में बहुमत था लेकिन ‘सच्चाई कुछ और ही थी।’ फडणवीस ने एनसीपी के अजित पवार के साथ गत शनिवार को महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी, लेकिन पवार के ‘निजी वजहों’ से इस्तीफे के बाद यह सरकार महज 80 घंटे ही चली।


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