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मुंबई : महाराष्ट्र गृहनिर्माण व क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) के निर्णय से 95 परिवारों के अच्छे दिन लौट आए हैं। अब ये परिवार खुद के घर में रहेंगे। 40 साल से ट्रांजिट कैंप के रहते हुए अपना घर मिलने की उनकी उम्मीदें धूमिल हो गईं थी, लेकिन अब इन परिवारों को दक्षिण मुंबई के परेल, चिंचपोकली और माझगांव में उनके घर मिलने का रास्ता साफ हो गया है। म्हाडा के मुंबई आरआर बोर्ड की तरफ से शहर के जर्जर और इमारत में रहने वाले लोगों को ट्रांजिट कैंप में स्थानांतरित किया जाता है। इन ट्रांजिट कैंप रहने वालों को लंबे समय से अपने घर का इंतजार था। इन्हींमें 95 ऐसे परिवार थे जिनका घर दक्षिण मुंबई में ही था। अब म्हाडा ने उन्हें उसी इलाके में घर दिया है, जहां पर वे पहले रहते थे। इस संबंध में म्हाडा ने इसी साल मार्च में महत्वपूर्ण फैसला किया था। ट्रांजिट कैंप में रहने वाले लोगों की मास्टर सूची को अपडेट किया गया था। इससे 95 परिवार को म्हाडा को घर देने में सफलता मिली है। ट्रांजिट कैंप के कुछ परिवार ऐसे हैं, जो लंबे समय से निवास कर रहे हैं। कुछ परिवार के मुखिया अब नहीं रह गए हैं। उनके परिवार में घर की मालिकाना हक को लेकर विवाद है। म्हाडा के एक अधिकारी के मुताबिक, अगर इन परिवार के लोग आपस में बैठकर घर की मालिकाना हक के विवाद को सुलझा लेते हैं, तो उन्हें जल्द घर देने में मदद मिलेगी।


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