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मुंबई : महाराष्‍ट्र की राजनीति में रातोंरात आए सियासी भूचाल में शनिवार सु‍बह बीजेपी ने एनसीपी के मुखिया शरद पवार के भतीजे अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली। राज्‍य में नई सरकार बनने के बाद शरद पवार ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि यह फैसला उनकी जानकारी के बगैर हुआ है। उधर, कांग्रेस ने शरद पवार पर विश्‍वासघात करने का आरोप लगाया है। राज्‍य में अटकलों का बाजार गरम है कि बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 40 विधायकों की जरूरत है और शरद पवार ने पर्दे के पीछे से खेल करते हुए बीजेपी को अपना समर्थन दे दिया। शरद पवार ने ट्वीट कर कहा, 'अजित पवार का बीजेपी को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने का फैसला उनका निजी फैसला है, नैशनलिस्‍ट कांग्रेस पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं है। हम आधिकारिक रूप से यह कहना चाहते हैं कि हम उनके (अजित पवार) इस फैसले का न तो समर्थन करते हैं और न ही सहमति देते हैं।' उधर, शिवसेना ने भी कहा कि अजित पवार ने शरद पवार को धोखा दिया है। शिवसेना प्रवक्‍ता संजय राउत ने कहा कि जेल जाने से बचने के लिए अजित पवार बीजेपी के साथ आए हैं। इस बीच कांग्रेस ने शरद पवार पर धोखा देने का आरोप लगाया है। इससे पहले शनिवार सुबह करीब 8 बजे राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्‍यमंत्री पद की शपथ द‍िलाई। एनसीपी नेता अजित पवार डेप्‍युटी सीएम बने हैं। अजीत पवार ने कहा कि चुनाव परिणाम के दिन से ही कोई भी पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थी। महाराष्‍ट्र कई समस्‍याओं का सामना कर रहा है जिसमें किसानों का मुद्दा शामिल है। इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया।

फडणवीस ने शपथ लेने के बाद सिर्फ अजित पवार का नाम लिया और उनको ही शुक्रिया कहा। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह के ट्वीट में भी सिर्फ अजित पवार का जिक्र किया गया है। अजीत पवार के इस मास्‍टर स्‍ट्रोक के बाद महाराष्‍ट्र की सियासत में भूचाल सा आ गया। इससे पहले अजित पवार के चाचा शरद पवार ने कहा था कि महाराष्‍ट्र में शिवसेना के नेतृत्‍व में सरकार बनेगी लेकिन रातों रात बाजी पलट गई। सुबह- सुबह राज्‍यपाल ने देवेंद्र फडणवीस को शपथ द‍िलाई और अजीत पवार ने उन्‍हें समर्थन दिया है। अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि अजीत पवार ने बीजेपी को समर्थन देने का फैसला शरद पवार की सहमति से लिया है या नहीं। राज्‍य में अटकलों का बाजार गरम है कि अजीत पवार ने एनसीपी को तोड़कर बीजेपी को समर्थन दिया है। कहा यह भी जा रहा है कि अजीत पवार के समर्थन में 22 विधायक हैं। बता दें कि राज्‍य में एनसीपी के कुल 54 विधायक हैं।

हालांकि यह भी दावा किया जा रहा है कि एनसीपी चीफ शरद पवार ने देवेंद्र फडणवीस को समर्थन देने के लिए अजीत पवार को अपनी सहमति दी है। इस पूरे मामले में अभी स्थिति साफ नहीं है। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फडणवीस को दोबारा सीएम बनने के लिए बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्‍वास है कि दोनों नेता महाराष्‍ट्र के बेहतर भविष्‍य के लिए मिलकर काम करेंगे। शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने चुनाव जीता था और शिवसेना पीछे हट गई। महाराष्‍ट्र को स्थिर शासन की जरूरत थी। इसलिए हम साथ आए हैं। हम राज्‍य को एक स्थिर सरकार देंगे। फडणवीस ने कहा क‍ि महाराष्‍ट्र को स्थिर सरकार देंगे। फडणवीस ने कहा कि राज्‍य को खिचड़ी सरकार की जरूरत नहीं थी। शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया। इसलिए हमें यह कदम उठाना पड़ा। बता दें कि 24 अक्‍टूबर को आए चुनाव नतीजों में बीजेपी को 105 तो शिवसेना को 56 सीटों पर जीत हासिल हुई है। 288 सदस्‍यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए। एनसीपी के कुल 54 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 44 विधायक हैं। एनसीपी के 22 विधायकों ने अगर बीजेपी को समर्थन दिया तो बीजेपी के कुल विधायकों की संख्‍या 127 पहुंच रही है। बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए अभी और विधायकों की जरूरत पड़ेगी।


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