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मुंबई : बदलते मौसम तथा वायु प्रदूषण के कारण शहर में मौसमी बीमारी से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। मनपा अस्पताल से लेकर निजी दवाखानों में सर्दी, खांसी, ज्वर का इलाज करानेवाले मरीजों की अच्छी-खासी-भीड़ दिखाई दे रही है। बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष डेंगू तथा स्वाइन फ्लू के मरीजों में भी बढ़ोतरी पाई गई है। हालांकि उक्त रोगों से बचने के लिए नई मुंबई मनपा का स्वास्थ्य विभाग विभिन्न प्रकार के उपाय योजना अपनाता है परंतु कर्मचारियों के अभाव के कारण मनपा भी नाकाम दिखाई दे रही है। सिडको की बस्तियों में बसे नागरिकों के मकानों तक मनपा स्वास्थ विभाग के अधिकारी, कर्मचारी नहीं पहुंच पाने की शिकायतें मिल रही हैं।
मनपा स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते वर्ष में डेंगू के संदेहास्पद मरीजों की संख्या ३४० बताई जाती है, जिनमें से ४ मरीज डेंगू से ग्रसित पाए गए। इस वर्ष डेंगू के कुल ६ मरीज पाए गए हैं जबकि ४१ मरीज स्वाइन फ्लू से ग्रसित बताए जाते हैं। डॉक्टरों की मानें तो बदलते मौसम में वायरल इंफेक्शन होना तय है। अत: ऐसे समय में स्वच्छ, ताजा आहार ग्रहण करना चाहिए तथा नित्य व्यायाम करना एवं डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवाई नहीं लेना चाहिए। गौरतलब है कि वाशी मनपा अस्पताल के ओपीडी में इन दिनों रोज १,५०० मरीज इलाज के लिए आते हैं। मनपा की लापरवाही के कारण मच्छरों की रोकथाम हेतु कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव समय अनुसार नहीं होने के कारण भी मलेरिया और डेंगू की बीमारी बढ़ रही है। नई मुंबई मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी बालासाहेब सोनवणे ने बताया कि सिडको बस्तियों में डेंगू पैâलानेवाले मच्छरों के खात्में के लिए उपाय योजना की जा रही है।


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