पैरंट्स ने पबजी खेलने पर डांटा तो घर से भागकर पहुंचा कोलकाता
मुंबई : मुंबई के एक किशोर के सिर पर ऑनलाइन गेम पबजी का जादू इस कदर सवार था कि वह घर से भागकर कोलकाता पहुंच गया। बुधवार को पुलिस ने आयुष अशोक (16) को कोलकाता के एन्टाली इलाके में घूमते पाया। बताया जाता है कि उसके माता-पिता ने उसे कॉलेज से भागकर पबजी खेलने के लिए डांटा था, इससे नाराज होकर आयुष घर से ही भाग गया। एन्टाली पुलिस ने जब उसे सेंट्रल कोलकाता की सड़कों पर भटकते देखा तो उससे पूछताछ की। इसमें पता चला कि उसके पास घर लौटने के पैसे भी नहीं हैं। पुलिस ने उसे सरकारी किशोर गृह भेज दिया है। जब तक आयुष के माता-पिता उसे लेने नवी मुंबई से यहां नहीं आ जाते वह यहीं रहेगा।
आयुष के परिवार का अनुमान है कि वह कोलकाता में होने वाले पबजी कॉम्पिटिशन का फाइनल राउंड देखने गया होगा। मुंबई के नेरुल इलाके में रहने वाला आयुष 16 सितंबर को अपने घर से भागा था, उस समय उसके पैरंट्स अपने-अपने ऑफिस गए हुए थे। उसके पास 6 हजार रुपये थे जो उसके पैरंट्स ने सोसायटी का बकाया चुकाने और कपड़े खरीदने के लिए दिए थे। पुलिस ने बताया कि आयुष अपने कॉलेज न जाकर नवी मुंबई के गेम पार्लर में जाकर पबजी खेला करता था।
आयुष के चाचा नंदू अंगाने ने बताया कि आयुष ने एक बार अपने एक दोस्त को बताया था कि वह पुणे जा रहा है। आयुष के अनुसार, वहां उसके किसी ऑनलाइन दोस्त ने किसी साइबर कैफे में नौकरी का ऑफर दिया है जहां वह गेम भी खेल सकेगा।
आयुष के पैरेंट्स ने नेरुल पुलिस थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अंगाने का कहना था, 'हम पुणे में 22 सितंबर को आयोजित एक पबजी टूर्नामेंट में पहुंचे लेकिन वहां आयुष हमें नहीं मिला। वहीं हमें पता चला कि पबजी के नैशनल फाइनल्स अक्टूबर में कोलकाता में होने वाले हैं। इसमें जीतने वाले को 15 लाख इनाम में मिलेंगे। हमें यह नहीं पता कि वह इसी में हिस्सा लेने के लिए कोलकाता गया है या नहीं। उससे मिलकर ही सब साफ हो पाएगा।'
उन्होंने यह भी बताया कि नवी मुंबई की साइबर सेल आयुष को इसलिए नहीं खोज पाई क्योंकि उसने अपने पबजी अकाउंट का नाम बदल दिया था। अंगाने ने कहा, 'साइबर सेल ने जब उसका पबजी अकाउंट देखा तो पता चला कि वह गेम की लास्ट स्टेज में पहुंच चुका है। लेकिन चूंकि उसने अपनी आईडी बदल दी थी इसलिए उसके आईपी अड्रेस के जरिए हम उसे नहीं खोज पाए।