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मुंबई : मुंबई में इस साल पिछले साल की तुलना में अधिक गोविंदा दही हांडी के उत्सव के दौरान घायल हुए। हालांकि, अच्छी बात यह रही ही कि इस दौरान किसी की मौत नहीं हुई, वहीं गंभीर रूप से घायल होने वाले गोविंदाओं की भी संख्या कम रही। अस्पतालों से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार शाम तक ज्यादातर गोविंदाओं को उपचार देने के बाद छुट्टी दे दी गई। शनिवार सुबह से ही मुंबई और आसपास के इलाकों में दही हांडी का उत्सव शुरू हो गया था। दिन चढ़ने के साथ ही मटकी फोड़ने की संख्या और इस दौरान घायल होने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी। बीएमसी आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सुबह सात बजे से शाम के पांच बजे तक 60 के आसपास गोविंदा घायल हुए थे, लेकिन देर शाम तक घायलों की संख्या 199 हो गई। इसमें से रविवार सुबह 10 बजे तक 162 गोविंदाओं को इलाज देने के बाद वापस घर छोड़ दिया गया, जबकि दोपहर बाद कुछ और लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। पिछले साल 149 गोविंदा उत्सव के दौरान घायल हुए थे, जबकि एक की मौत हो गई।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल दही हांडी के पर्व के दौरान बारिश नहीं रही। नतीजतन घायल होने वालों की संख्या में कमी की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला। सामान्य: बारिश होने के कारण मानव पिरामिड से लोग गिरकर घायल होने वालों की संभावना अधिक रहती है। लेकिन इस बार बगैर बारिश के भी अधिक लोगों के घायल होने के पीछे विशेषज्ञों ने सुरक्षा मानकों की लापरवाही को अहम बताया है। बीएमसी प्रमुख अस्पतालों के निदेशक डॉ.रमेश भारमल ने कहा कि घायल होने वालों में ज्यादातर सिर पर चोट, स्पाइन में चोट और कुछ फ्रैक्चर की शिकायत रही। फ्रैक्चर की भी गंभीर समस्या न हो कर सामान्य फ्रैक्चर अधिक रहा। 


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