गुलाबी है इस झील का पानी, बार-बार देखे जा रहे हैं Photos और Video
हीलियर झील 600 मीटर (2,000 फीट) लंबी और 250 मीटर (820 फीट) चौड़ी है. ये झील चारों तरफ से पेपरबार्क और यूकेलिप्टस पेड़ों से घिरी हुई है. 15 जनवरी, 1802 में इंग्लैंड के नाविक मैथ्यू फ्लिंडर्स ने इसकी खोज की. उन्होंने ही हीलियर झील के बारे में पहली बार लिखा. यह झील प्रशांत महासागर के पास मौजूद है, जिस वजह से इस झील का गुलाबी रंग और महासागर का नीला रंग बहुत शानदार व्यू बनाता है.
हीलियर झील में मौजूद डुनालीला सलीना माइक्रोगैनिज़्म की वजह से इसमे पानी का रंग गुलाबी है. क्योंकि डुनालीला सलीना और झील में मौजूद नमक (रेड हेलोफिलिक बैक्टिरिया) मिलकर रेड डाई बनाते हैं, जिससे हीलियर झील में मौजूद पानी गुलाबी है. बता दें, नमक में मौजूद लाल हेलोफिलिक में एक कैरोटीनॉइड होता है जो एक विशेष लाल रंग छोड़ता है.
इस झील में भारी नमक की मात्रा होने के बावजूद इसमें तैरना सुरक्षित है. यहां पहुंचने वाले लोग मज़े से इस झील में स्विमिंग करते हैं. साल 2012 से हीलियर झील रिचार्च आर्चिपेलागो नेचर रिज़र्व (Recherche Archipelago Nature Reserve) के संरक्षित एरिया में आता है.