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मुंबई : कर्ज में डूबी बेस्ट आने वाले दिनों में कर्ज से उबर जाएगी। मनपा प्रशासन ने बेस्ट के कुल कर्ज 1200 करोड़ रुपये देने की हामी भर दी है। आने वाले दिनों में स्थाई समिति में  प्रस्ताव लाकर कर्ज का बकाया पैसा देने का निर्णय लिया जाएगा। पार्टी नेताओं की बैठक में पैसा देने की अनमुति दे दी गई है। बता दें कि बेस्ट को कुल 1274 करोड़ का घाटा है।  घाटे में डूबने के कारण बेस्ट कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा था। बेस्ट कर्मचारियों ने समय पर वेतन न मिलने और सातवां वेतन आयोग लागू न किए जाने पर आंदोलन का रास्ता अपनाया था। बेस्ट कर्मचारियों ने 9 दिन तक हड़ताल की थी। उसके बाद बेस्ट प्रशासन ने कोर्ट में लिखित दिया था कि समय पर वेतन देने और अनुबंध करने  को लेकर ठोस कदम उठाया जाएगा। मनपा आयुक्त प्रवीण परदेशी ने पदभार संभालने के बाद बेस्ट को आम जनता के लिए उपयोगी बनाने के लिए किराया कम करने पर 600  करोड़ का अनुदान देने की बात कही थी। बेस्ट द्वारा किराया कम करने के बाद बेस्ट के यात्रियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। मनपा आयुक्त ने बेस्ट को कर्जमुक्त करने का  भी अब निर्णय लिया है। बेस्ट को विभिन्न बैंकों से लिए कर्ज पर हर महीने ढाई सौ से तीन सौ करोड़ तक का ब्याज देना पड़ता है। इसी के चलते मनपा आयुक्त ने बेस्ट का  बकाया 1200 करोड़ कर्ज भी बेस्ट को देने का निर्णय लिया है। टाटा का बिजली का बकाया बिल न देने पर टाटा ने बिजली न देने की चेतावनी तक दे दी थी। मनपा आयुक्त ने  पार्टी नेताओं की बैठक में बेस्ट का बकाया कर्ज भी देने की बात कही, जिसे सभी पार्टी के नेताओं ने एक सुर में मंजूर कर दिया। मनपा आयुक्त ने बेस्ट को बस खरीदने के लिए और अन्य कार्यों के लिए पहले ही 600 करोड़ देने की मंजूरी दी है। जिसका फायदा आम जनता को किराया कम करके मिल रहा है। आज बेस्ट यात्रियों की 5 किमी की दूरी मात्र 5  रुपए में हो रही है। आयुक्त हर महीने 100 करोड़ रुपए दे रहे हैं। बेस्ट ने इसके पहले मनपा से 1600 करोड़ रुपए कर्ज लिया था, जिसे ब्याज सहित वापस किया।

16 मई को महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर की अध्यक्षता में हुई गुट नेताओं की बैठक में बेस्ट को हर माह 100 करोड़ रुपए दिए जाने का निर्णय लिया गया था। स्थाई समिति एवं  आमसभा की मंजूरी के बाद उपक्रम को मनपा की तरफ से हर माह 100 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं। मनपा आयुक्त की पहल पर बेस्ट बसों का यात्री किराया न्यूनतम 5 रुपए करने  से यात्रियों की संख्या में लाखों का इजाफा हुआ है। उपक्रम को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अब आयुक्त ने बेस्ट को एकमुश्त 1200 करोड़ रुपए देने की तैयारी दिखाई है।


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