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मुंबई : लंदन से मुंबई तक की बिजनेस क्‍लास में अकेले सफर करने वाली किसी टीनएजर ने कम से कम यह तो नहीं सोचा होगा कि उसे लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट के बाहर फुटपाथ पर बैठकर रात बितानी होगी। पिछले हफ्ते यही हुआ मुंबई के दादर में रहने वाली आशना केनिया (16) के साथ। ब्रिटिश एयरवेज ने ऐन मौके पर उनकी फ्लाइट कैंसल कर दी, रात में एयरपोर्ट वालों ने बाहर निकाल दिया और आसपास के सारे होटल बुक थे। आशना एक घंटे तक अकेले फुटपाथ पर बैठी रहीं, तब कहीं जाकर लंदन में रहने वाले एक रिश्‍तेदार वहां उनकी मदद के लिए पहुंचे। आशना 25-26 जुलाई को ब्रिटिश एयरवेज की रेकविक-लंदन-मुंबई फ्लाइट से मुंबई वापस आ रही थीं। लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर सात घंटे के हॉल्‍ट के बाद जब वह रात 9 बजे बोर्डिंग गेट की तरफ बढ़ रही थीं उसी समय उन्‍हें पता चला कि ब्रिटिश एयरवेज ने लंदन से मुंबई की यात्रा कैंसल कर दी है। आशना का कहना है, 'मैं आइसलैंड में एक महीने का कैंप करके वापस लौट रही थी। पिछले 24 घंटों से मैं ठीक से सो नहीं पाई थी।' 

इस उम्‍मीद के साथ कि एयरलाइंस ने उनके लिए कोई होटल बुक किया होगा, आशना एयरलाइंस के काउंटर पर पहुंचीं। वहां उन्‍हें बताया गया कि उन्‍हें होटल में कमरा नहीं मिल पाएगा। आशना ने बताया, 'उन्‍होंने कहा, करीब 20 फ्लाइट्स कैंसल हुई हैं इसलिए सभी पैसेंजर्स के लिए व्‍यवस्‍था कर पाना नामुमकिन था। मैंने उन्‍हें बताया कि मैं अकेले सफर कर रही हूं लेकिन कोई फायदा नहीं।' 

आशना अगले डेढ़ घंटे तक एयरपोर्ट पर रात बिताने के लिए जगह खोजती रहीं। इस दौरान मुंबई से उनके पिता फोन पर उनके साथ बने रहे। रात 12 बजे एयरपोर्ट स्‍टाफ ने उनसे एयरपोर्ट से बाहर चले जाने को कहा। हीथ्रो में आधी रात से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया जाता है। मजबूरन आयशा अपने बैकपैक के साथ पास में मौजूद एक फाइव स्‍टार होटल तक गईं लेकिन वहां भी कोई रूम खाली नहीं था। 

आशना के पिता निमिष केनिया ने होटल फोन करके अनुरोध किया कि उनकी बेटी को रूप दे दें वह किराया चुका देंगे। एक महीने पहले आशना इसी होटल में रुकी थीं। लेकिन वहां रूम खाली नहीं थे। उनके पिता ने होटल स्‍टाफ से कहा कि कम से कम आशना को लॉबी में बैठने दें लेकिन उन्‍होंने यह बात भी नहीं मानी। 

आशना कहती हैं कि लॉबी में भी कैंसल फ्लाइट्स के पैसेंजर रुके हुए थे। आशना बताती हैं, 'मुझे बाहर जाना पड़ा। मैं होटल के बाहर फुटपाथ पर बैठ गई। होटल के स्‍टाफ ने मुझे पानी दिया। अब तक मैं बहुत परेशान हो गई थी। पिछले पांच घंटों से मैं अपने ठहरने की जगह खोज रही थी। अब मुझे लगा कि शायद फुटपाथ पर ही पूरी रात बितानी होगी।' 

आशना के पिता इस पूरे समय फोन पर बने रहे। वह कहते हैं, 'आशना शांत बनी रही वह बहुत बहादुर है। मैंने उससे कहा कि यही जीवन की चुनौतियां हैं। हमें इनसे सीखना है।' इस दौरान वह लंदन में अपने दोस्‍तों और रिश्‍तेदारों को भी कॉल करते रहे। लेकिन यह नहीं समझ आ रहा था कि रात के 2 बजे कोई एयरपोर्ट पहुंच पाएगा या नहीं। सौभाग्‍य से आशना के एक रिश्‍तेदार ने तड़के 3 बजे एयरपोर्ट पहुंचकर उन्‍हें वहां से उठाया और बाद में अगली फ्लाइट के लिए सुबह 7 बजे फिर से एयरपोर्ट छोड़ दिया। 

लेकिन मुसीबतों ने आशना का पीछा अभी भी नहीं छोड़ा था। प्‍लेन में घुसने के बाद पता चला कि बिजनेस क्‍लास की जगह उन्‍हें इकॉनमी क्‍लास में डाउनग्रेड कर दिया गया था। मुंबई पहुंचने पर पता चला कि उनका सामान भी अभी तक नहीं आया है। इसके लिए उन्‍हें सामान खोने की शिकायत का एक फॉर्म भरना पड़ा। ब्रिटिश एयरवेज की ओर से अभी तक इस मामले में कोई बयान नहीं आया है। 


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