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मुंबई पिछले दिनों मुंबई के डोंगरी में एक अवैध इमारत के ढहने के बाद महाराष्ट्र सरकार हरकत में आई है। अब राज्य सरकार महाराष्ट्र की जर्जर हालात वाली इमारतों को ढहाना चाहती है। इस संबंध में राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए सहमति जताई है। 

प्रधान न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आत्माराम नाडकर्णी की याचिका पर विचार किया। नाडकर्णी ने शीर्ष अदालत को हाल में ढही लगभग 100 वर्ष पुरानी एक जर्जर इमारत के बारे में बताया, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने शीर्ष अदालत को बताया कि नगर निकाय द्वारा अनुपयुक्त घोषित की गई इस तरह की इमारतों को ढहाया जाना चाहिए। डोंगरी की जिस इमारत का जिक्र शीर्ष अदालत में किया गया, उसे ढहने के बाद बीएमसी और महाराष्ट्र गृहनिर्माण व क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था। दोनों की यह साबित करने पर तुले थे कि अवैध इमारत उनकी जिम्मेदारी नहीं थी। आखिरकार म्हाडा ने बीएमसी की पोल खोलते हुए कहा कि इस अतिक्रमण को लेकर म्हाडा की तरफ से 1990 में पत्र लिखा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शहर में 80 वर्ष से अधिक की कई इमारतें हैं। इसमें से अधिकतर जर्जर है। 


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