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मुंबई : ‘मौत’ कब, कहां और किस रूप में आ जाए ये कहा नहीं जा सकता। एक ही परिवार (दूर के रिश्तेदार) के लोग राजस्थान से अपनी मंजिल वलसाड जाने के लिए निकले थे, लेकिन सफर के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि जाननेवाले सिहर गए। राजस्थान से निकला ६ लोगों का यह समूह अपनी मंजिल तक पहुंचता, उससे पहले ही उनकी मौत आ गई। कर्णावती एक्सप्रेस की चपेट में आने से एक ही परिवार के ३ लोग कट गए। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि ३ लोग हादसे की चपेट में आने से बच गए। इस घटना की जानकारी मिलते ही उधना स्टेशन से प्रशासनिक अमला भेजा गया, जिसने रेल लाइन से शवों को अस्पताल में भेजा। शनिवार सुबह राजस्थान के ३ लोगों की गलती उनकी जान पर भारी पड़ गई। ट्रेन से उतरकर बीच ट्रैक पर पैदल चलने के दौरान काकरा खाड़ी रेल ब्रिज के अप लाइन पर ट्रेन की चपेट में आ गए, जिसमें से तीन की मौत हो गई जबकि गनीमत यह रही कि तीन लोग ब्रिज पर नहीं पहुंचे थे।

इसी काकरा खाड़ी ब्रिज पर २७ फरवरी २००८ को कच्छ एक्सप्रेस की चपेट में आकर १६ लोगों की मौत हुई थी। शनिवार सुबह हुए इस हादसे में मृतक और घायल राजस्थान के अजमेर और राजसमंद जिले के रहने वाले थे, जो वलसाड जा रहे थे। उन्होंने सूरत आकर ट्रेन बदली लेकिन जिस ट्रेन में बैठे थे, वो ट्रेन वलसाड नहीं रुकती जिसके चलते ये सूरत-उधना के बीच ट्रेन के स्लो होने पर उतर गए और पैदल उधना की ओर जाने लगे। बता दें कि उधना और सूरत के बीच की दूरी ४ किमी की है। काकरा खाड़ी ब्रिज पर जैसे सभी लोग पहुंचे अप लाइन पर सूरत से मुंबई की ओर जा रही तेज रफ्तार कर्णावती एक्सप्रेस की चपेट में ३ लोग आ गए।
ऐसे हुआ हादसा
अजमेर और राजसमंद जिला के कुल ६ लोग वलसाड जाने के लिए अजमेर से अजमेर-पुरी एक्सप्रेस में सवार हुए थे। शनिवार सुबह ७.५० बजे यह ट्रेन सूरत पहुंची और यहां ये सभी उतर गए। फिर सूरत से सूर्यनगरी एक्सप्रेस में सवार हुए और वलसाड जाने लगे लेकिन किसी ने इन्हें बताया कि ये ट्रेन वलसाड नहीं रुकेगी। इतने में ट्रेन सिग्नल न मिलने की वजह से सूरत-उधना के बीच ट्रैक पर रुक गई। जिसके बाद इन सभी ६ लोगों ने ट्रेन से उतर जाने का पैâसला किया। और अप लाइन पर चलकर उधना की ओर जाने लगे। जब काकरा खाड़ी का रेल ब्रिज आया तब तीन का ग्रुप आगे और तीन का ग्रुप पीछे चल रहा था। जो तीन दोस्त आगे थे, वे १५ मीटर लंबे इस ब्रिज का लगभग ७ मीटर हिस्सा पार कर चुके थे जबकि पीछे के तीन दोस्त ब्रिज पर पहुंचे ही नहीं थे उतने में तेज रफ्तार में कर्णावती एक्सप्रेस आती दिखी, जिसके बाद पीछे के तीन दोस्तों ने चिल्लाया आगे के तीन दोस्तों ने दौड़ते हुए ब्रिज पार करना चाहा लेकिन दो मीटर हिस्सा पार करने से पहले ही ट्रेन ने टक्कर मार दी जिसमें कुलदीप सिंह की मौके पर मौत हो गई जबकि प्रवीण नारायण और प्रवीण धीरज सिंह की सिविल अस्पताल में मौत हुई। तीनों की उम्र १८ और १९ साल के बीच थी। बचे तीन दोस्तों का नाम पिंटू प्रकाश सिंह, मैक्स सिंह और ओमप्रकाश सिंह है।
जांच अधिकारी ने बताया
सूरत रेलवे पुलिस के जांच अधिकारी भूपति सिंह ने बताया कि जो तीन लड़के आगे थे, वो ट्रेन की चपेट में आ गए। तीनों अप लाइन पर पैदल चलकर उधना जा रहे थे और ब्रिज का १२ मीटर हिस्सा पार कर लिए थे जब तीन मीटर रह गया था तब तक ट्रेन की चपेट में आ गए। इसके अलावा तीन दोस्त पीछे थे, जो ब्रिज पर नहीं पहुंचे थे वे बच गए।



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