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मुंबई : ठेकेदारों पर बीएमसी की मेहरबानी जारी है। बीएमसी अस्पतालों में 135 करोड़ रुपये के इंजेक्शन आपूर्ति के टेंडर में पहले भी सप्लाई में कई बार डिफॉल्ट करने वाली कंपनियों को फिर यह काम दिया जा रहा है। हालांकि, इन कंपनियों को नए टेंडर में काम न देने का आदेश पहले ही जारी किया जा चुका है। नगरसेवक इस फैसले को सरासर मनमानी और भ्रष्टाचार की इंतहा बता रहे हैं। मंगलवार को स्थायी समिति की मंजूरी के लिए इन टेंडर्स का प्रस्ताव रखा गया है। बीएमसी ने दो साल के लिए अस्पतालों में वैक्सीन और इंजेक्शन खरीदने के टेंडर निकाले हैं। 135 करोड़ रुपये के इन टेंडर्स में विभिन्न इंजेक्शनों की आपूर्ति का काम कई कंपनियों को दिया गया है। इनमें से पांच कंपनियों को 59 तरह के प्रॉडक्ट सप्लाई का काम दिया गया है, जो 15 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। इन कंपनियों ने पिछली बार अस्पतालों में आपूर्ति करने में बार-बार देरी की थी, तब अस्पतालों में इंजेक्शनों और दवाओं की कमी का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने जांच कराई थी। 

इसमें यह खुलासा हुआ था कि दवा कंपनियों ने कई बार आपूर्ति नहीं की थी। कई महीनों तक कार्रवाई को लेकर टाल-मटोल करने के बाद बीएमसी ने उनमें दो कंपनियों को ब्लैक-लिस्ट किया था। बाकी से जवाब मांगे थे। 


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