मुंबई के लोगों पर असर डालेंगे दो बड़े फैसले
मुंबई : महानगर के रोड विस्तार और डिवेलपमेंट प्लान (डीपी) में निर्धारित अन्य महत्वपूर्ण प्रॉजेक्ट प्रभावितों के लिए 2000 तक के कागजात वालों को पात्र माना जाएगा। बीएमसी के ग्रुप नेताओं की बैठक में इस संदर्भ में फैसला हुआ। इससे पहले तक नॉन स्लम इलाकों में निवासी घरों के लिए 1962 और व्यवसायिक स्थलों के लिए 1964 के पहले के कागजात देने पर ही पात्र होते थे। इसके चलते, एलबीएस रोड समेत कई महत्वपूर्ण रास्तों का विस्तार का काम अटका पड़ा था।
नॉन स्लम इलाकों में रहने वाले लोगों की हमेशा शिकायत होती थी कि स्लम वालों की पात्रता की तुलना में उनसे अन्याय होता था। इस मुद्दे पर भांडुप के व्यापारियों ने बीएमसी अधिकारियों से मुलाकात भी की थी। कई दुकानें 1965 के बाद की होने पर उन्हें पात्र ही नहीं समझा जाता था। जिस पर दुकानदारों को काफी शिकायतें थीं। उनके अनुसार, 1999 के स्लम वाले पात्र माने जाते हैं तो 1967 के दुकानदार क्यों नहीं? इनका सहयोग न मिलने से कई प्रॉजेक्ट सालों से अटके पड़े हैं, जिससे उनकी लागत में बेतहाशा वृद्धि हो रही थी।
परियोजना प्रभावित स्लम वालों को 2000 की बजाय 2011 तक का पुनर्वसन देने की भी तैयारी है। हालांकि, इसकी मंजूरी को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। स्लम इलाकों से जाने वाले प्रॉजेक्ट की पात्रता भी 2011 जल्द ही हो जाएगी।
मुंबई के लोगों को शहर के पार्किंग स्थलों के बाहर विशेष ध्यान रखकर गाड़ी खड़ी करनी होगी। पार्किंग स्थलों के निकट गाड़ी पार्क करने पर जुर्माना लगेगा। पार्किंग स्थल की क्षमता के आधार पर बाहर खड़ी गाड़ियों पर कार्रवाई तय होगी। यानी, यदि पार्किंग क्षमता कम है तो कुछ दूरी तक ही जुर्माना लगेगा। इन स्थलों पर बाइक खड़ी करने पर 5000 रुपये तक जुर्माना लगेगा। कार के लिए यह जुर्माना 10,000 रुपये होगा। गाड़ी छुड़ाने में देरी पर प्रतिदिन का दंड अलग होगा। इस संदर्भ में जल्द ही बोर्ड लगा दिए जाएंगे। 30 दिन तक गाड़ी न छुड़ाने पर उसकी नीलामी बीएमसी कर देगी। मुंबई में 26 पार्किंग लॉट हैं, जिन्हें बिल्डरों ने बीएमसी को सुपुर्द किया है। फिलहाल, इनके आसपास गाड़ी खड़ी करने वालों पर जुर्माना लगेगा। हालांकि, यह नियम किसी भी पे ऐंड पार्क स्थल के पास गाड़ी खड़ी करने वालों पर लागू होगा।