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मुंबई : अब तक अनसुलझे नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे मर्डर केस की सुनवाई में शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और महाराष्ट्र सीआईडी ने अदालत को यह बताया कि दोनों हत्याओं की जांच में कुछ हद तक समानता का पता चला है। गौरतलब है कि दाभोलकर और पानसरे के समर्थक लंबे समय से यह कहते आ रहे हैं कि दोनों की हत्या उनकी तर्कवादी विचारधारा के कारण अंधश्रद्धा फैलाने वाले लोगों ने की और करवाई है। सीबीआई और सीआईडी ने न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति गौतम पटेल की खंडपीठ को बताया गया कि दाभोलकर मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन अपराध में इस्तेमाल हुए हथियार अब तक बरामद नहीं हो पाए हैं। सीबीआई ने अदालत को जानकारी दी कि चार देसी पिस्तौलों को खोजने के लिए एक महीने के अंदर एक अभियान चलाया जाएगा। आरोप है कि आरोपियों ने इन पिस्तौलों को ठाणे में एक जलाशय में फेंका था। 

मॉनसून से पहले चले अभियान 

सीबीआई के वकील अनिल सिंह ने अदालत से कहा, 'हम अभियान चलाने के लिए सरकारी एजेंसियों से जरूरी अनुमति का इंतजार कर रहे हैं।' इसके बाद पीठ ने कहा कि अभियान में देरी नहीं होनी चाहिए और इसे मॉनसून आने से पहले चलाया जाना चाहिए। सीआईडी के वकील अशोक मुंडार्गी ने अदालत से कहा कि पानसरे हत्याकांड में मुख्य साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है और हमलावरों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। अदालत दाभोलकर और पानसरे के परिजन द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सीबीआई और सीआईडी द्वारा की जा रही जांच की अदालत द्वारा निगरानी का अनुरोध किया गया है। 


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