Latest News

मुंबई: अभी मॉनसून की शुरुआत भी नहीं हुई है और डेंगी जैसे बुखार के मामलों में बढ़ोतरी होने लगी है। जनवरी से मई तक मुंबई के विभिन्न अस्पतालों में डेंगी जैसे बुखार के 840 मामले सामने आए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश के बाद मामलों में और बढ़ोतरी की संभावना है।

मुंबई में मच्छर जनित बीमारियों के कारण हर साल कुछ लोगों की जान चली जाती है। बीमारी से लोगों के बचाने के तमाम दावों के बाद भी पिछले साल डेंगी के कारण मुंबई में 14 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 1,003 लोग इसकी चपेट में आए थे। वहीं, डेंगी के 14 हजार से अधिक संदिग्ध मामले अस्पतालों में पहुंचे। इन पिछले पांच महीनों में डेंगी जैसे बुखार के 840 मामले सामने आए हैं, हालांकि इनमें से पुष्ट मामलों की संख्या 55 ही रही। अच्छी बात यह है कि इस साल अब तक इस बीमारी से किसी की मौत नहीं हुई है।

विशेषज्ञों ने बताया कि डेंगी एक पानी जनित बीमारी है, इसलिए मॉनसून के दौरान लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। घर या आसपास पानी न लगे इसके लिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। संक्रमण रोग विशेषज्ञ डॉ. ओम श्रीवास्तव ने कहा कि बदन में दर्द के साथ बुखार की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें। ये डेंगी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। बता दें कि इलाज में देरी करने से मरीज की स्थिति बिगड़ सकती है।

पेट की भी बढ़ी समस्या: डेंगी के अलावा पेट से संबंधित बीमारियों के मामलों में भी बढ़ोतरी दिख रही है। मिली जानकारी के अनुसार, पिछले साल जनवरी से लेकर मई तक मुंबई में पेट की बीमारी गैस्ट्रो के कारण 3,333 मुंबईकरों को अस्पताल में भर्ती होने पड़ा था, लेकिन इस वर्ष उतने ही समय में 3,500 लोग इलाज के लिए अस्पताल का चक्कर लगा चुके हैं। केईएम अस्पताल के पूर्व डीन डॉ. अविनाश सुपे ने कहा कि अस्वच्छ खानपान के कारण पेट की बीमारियां होती हैं। यह समस्या खासकर ईकोली बैक्टीरिया के चलते होती है, जो व्यक्ति के फेफड़े से लेकर लिवर तक को प्रभावित करती है।


Weather Forecast

Advertisement

Live Cricket Score

Stock Market | Sensex

Advertisement