ममता बनर्जी की प्रतिष्ठा दांव पर, सेंध लगा पाएगी बीजेपी?
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। राज्य में बीजेपी ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को दक्षिण बंगाल के कोलकाता और उसके उपनगरीय इलाकों में मात देने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। भगवा पार्टी के लिए यह बेहद कठिन चुनौती है क्योंकि यह इलाका टीएमसी की जन्मभूमि रहा है। इसी इलाके से ममता बनर्जी की पार्टी ने अपनी शुरुआत की और बाद में अर्द्धशहरी तथा ग्रामीण बंगाल में अपना कब्जा जमाया।
अपने गढ़ को बीजेपी से बचाने के लिए ममता बनर्जी ने भी तेवर कड़े कर लिए हैं। इससे राज्य का राजनीतिक पारा काफी गरम हो गया है। पीएम मोदी और ममता बनर्जी के बीच जुबानी जंग और ज्यादा तेज हो गई है। बंगाल सरकार ने जाधवपुर में बीजेपी चीफ अमित शाह को चुनावी रैली की अनुमति नहीं दी है। बीजेपी ने इसके लिए ममता को घेरा है। अंतिम चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है, उसमें डायमंड हार्बर, कोलकाता साउथ, कोलकाता नॉर्थ, जाधवपुर, बसीरहाट और दमदम शामिल हैं।
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सातवें चरण में बीजेपी की परीक्षा
बीजेपी के लिए छठा चरण महत्वपूर्ण था लेकिन सातवें चरण में पार्टी की इस बात के लिए परीक्षा होगी कि वह शहरी और अर्द्धशहरी मतदाताओं के बीच अपनी कितनी पकड़ बना पाती है। यह चरण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिष्ठा से जुड़ा है, इसलिए उन्होंने भी अपनी पूरी ताकत लगा दी है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक शहरी गरीबों का हमेशा से ही ममता की ओर झुकाव रहा है लेकिन यह चरण इस बात का फैसला करेगा कि बीजेपी ममता के इस गढ़ में कितना सेंध लगा पाती है।