छोटे-छोटे मीडिया रूम से लड़ी जा रही है मेसेज-मेसेज जंग चुनावी
मुंबई : दक्षिण मध्य मुंबई संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवारों की नजर युवाओं पर है। उन्हें रिझाने के लिए शिवसेना और कांग्रेस के उम्मीदवार सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं। उम्मीदवारों के लिए सोशल मीडिया का काम संभाल रही एजेंसियों का कहना है कि उम्मीदवारों की तरफ से जो चुनाव प्रचार किए जाता हैं वह तो जमीन पर दिखाई देता है, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए हो रहा प्रचार व्यक्ति के विचार को बदल और बना रहा है। खासकर युवाओं पर यह काफी प्रभावी है। शिवसेना के उम्मीदवार राहुल शेवाले का सोशल मीडिया कक्ष चेंबूर और कांग्रेस के उम्मीदवार एकनाथ गायकवाड़ का कुर्ला में है। दोनों ही मीडिया कक्ष अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए वॉट्सऐप, फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब का उपयोग कर रहे हैं। इन माध्यमों से अधिक से अधिक लोगों तक संपर्क करके अपने उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाया जा रहा है।
इसलिए खास हैं युवा
वॉर रूम में काम कर रहे लोगों ने बताया कि उम्मीदवारों की नजर युवाओं पर हैं। अगर युवाओं तक सही तरीके से उम्मीदवारों की संदेशों को भेज दिया गया और उन बातों से युवा सहमत हो गए, तो वे उम्मीदवारों के संदेशों को खुद आगे बढ़ाने लगते हैं। इससे उम्मीदवारों का मुफ्त में प्रचार होता है और विश्वसनीयता भी बढ़ती है। युवा न सिर्फ उन्हीं संदेशों के आधार पर अपना विचार बनाते हैं, बल्कि उसी के आधार पर लोगों से बहस करते हैं। इसीलिए उम्मीदवारों की सोशल मीडिया कक्ष से कुछ संदेश तथ्यों के साथ भेजे जाते हैं।
वॉट्सऐप एक, ग्रुप अनेक
सोशल मीडिया में गलत खबर और अफवाहों को वायरल होने से रोकने के लिए वॉट्सऐप ने नया नियम बनाया है कि एक मैसेज एक ही समय पर पांच से अधिक लोगों को नहीं भेजा जा सकता है। इसीलिए ठेके पर कार्य कर रही एजेंसियों ने कुछ लोगों को नियुक्त कर रखा हैं, जो दिनभर उम्मीदवारों की तरफ से मिले संदेश को लोगों तक भेजते रहते हैं। लोकसभा, विधानसभा और वार्ड स्तर पर कई ग्रुप बनाए हैं, जिसमें पार्टी के पदाधिकारी को जोड़ा गया है। हर एक पार्टी के पदाधिकारी को अपना एक या उससे अधिक वॉट्सऐप ग्रुप बनाने के लिए कहा गया, जिससे अधिक से अधिक लोगों तक संदेश भेजा जा रहा है। व्यापारी, डॉक्टर और संस्थाओं के जो वॉट्सऐप ग्रुप हैं, उसमें भी उम्मीदवार के लोग जुड़कर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।