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 सऊदी अरब ने मक्का में बिना वैध हज परमिट प्रवेश करने पर जुर्माना बढ़ाकर SR 10,000 (लगभग 2.23 लाख रुपये) कर दिया है जो पहले सिर्फ SR 1,000 था. यह सख्त कदम हज सीजन के दौरान बिना अनुमति के यात्रा करने वालों पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है. बिजनेस स्टैन्डर्ड के रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी सरकार ने कहा है कि हज सीजन के दौरान बिना परमिट के मक्का में घुसने की घटनाओं को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है ताकि भीड़भाड़ और अव्यवस्था से बचा भारत के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अनुसार, हर साल लगभग 1,75,000 भारतीय हज यात्रा करते हैं. हालांकि, यह संख्या सऊदी अरब द्वारा तय की गई कोटा प्रणाली पर निर्भर करती है जो वैश्विक मुस्लिम आबादी और अन्य कारकों को ध्यान में रखकर निर्धारित की जाती है.सऊदी अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि विजिट वीजा पर आए लोगों को हज करने की अनुमति नहीं होगी. अगर बिना परमिट के कोई व्यक्ति मक्का, मीना, अराफात या मुज़दलिफ़ा जैसी प्रमुख तीर्थ स्थलों पर पाया गया तो उसे अतिरिक्त जुर्माना भरना पड़ सकता है.सऊदी सरकार ने अस्थायी काम के वीजा (सीजनल वर्क वीजा) का नाम बदलकर “हज और उमराह सेवाओं के लिए अस्थायी वर्क वीजा” कर दिया है. यह वीजा शाबान 15 से मुहर्रम महीने के अंत तक वैध होगा जो 2025 में लगभग 14 फरवरी से 25 जुलाई तक रहेगा.

  • हज वीजा हर साल मध्य-शाव्वाल से 25 धुल-क़ायदा तक (2025 में लगभग 13 अप्रैल से 23 जून तक) निशुल्क जारी किए जाते हैं.
  • ये वीजा सिर्फ जेद्दाह, मक्का और मदीना के लिए मान्य होते हैं.
  • इन वीजा का उपयोग काम या सऊदी अरब में रहने के लिए नहीं किया जा सकता.
  • हज वीजा के लिए आवेदन केवल लाइसेंस प्राप्त ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से ही किया जा सकता है

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