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इजरायल के साथ कौन-कौन से देश

अमेरिका: इजरायल के करीबी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा है कि वह ईरान को जवाब देने के लिए सहयोगियों के साथ "सक्रिय चर्चा" कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक की शुरुआत में कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि संयुक्त राज्य अमेरिका इजरायल का पूरी तरह से समर्थन करता है.." उधर, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ईरानी मिसाइल हमले को "पूरी तरह से अस्वीकार्य" बताया और कहा कि पूरी दुनिया को इसकी निंदा करनी चाहिए.

ब्रिटेन: ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा है कि उनका देश भी इजरायल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि "ईरान ने बहुत लंबे समय से पश्चिम एशिया को खतरे में डाला है.." हमले के बाद टेलीविज़न पर दिए गए बयान में स्टारमर ने कहा कि ईरान के मिसाइल हमले ने क्षेत्र को "खतरे में डाल दिया है". उन्होंने इजरायल के पीएम नेतन्याहू, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ से बात की है. यूके के रक्षा प्रमुख जॉन हीली ने भी कहा कि ब्रिटेन की सेना ने ईरान से मिसाइल हमले को रोकने में इजरायल की मदद की है.

फ्रांस: ईरानी खतरे से निपटने के लिए फ्रांस पश्चिम एशिया में अतिरिक्त सैन्य संसाधन भेज रहा है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा, "इजरायल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध, फ्रांस ने आज आपातकालीन सुरक्षा कैबिनेट बैठक के बाद ईरानी खतरे का मुकाबला करने के लिए पश्चिम एशिया में अपने सैन्य संसाधनों को जुटाया."

जापान: प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने बुधवार को कहा कि ईरान द्वारा इजरायल पर मिसाइल हमले "अस्वीकार्य" हैं. जापान इसकी कड़ी निंदा करता है. हम स्थिति को शांत करने और इसे पूर्ण युद्ध में बढ़ने से रोकने के लिए (संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ) सहयोग करना चाहेंगे.

जर्मनी: इजरायल के पुराने सहयोगी जर्मनी ने मांग की कि ईरान उकसावे वाली कार्रवाई पर तुरंत लगाम लगाए. विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक ने एक्स पर पोस्ट किया, "मैं इस हमले की कड़ी निंदा करती हूं. ईरान को तुरंत हमला रोकना चाहिए क्योंकि यह क्षेत्र को रसातल की ओर ले जा रहा है.."

ऑस्ट्रेलिया: प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी ने इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमले की निंदा की और तनाव कम करने का आह्वान किया है. उन्होंने बुधवार को मेलबर्न में संवाददाताओं से कहा, "हम ईरान की हरकतों से बहुत चिंतित हैं, इसलिए हम उनकी निंदा करते हैं…" उन्होंने कहा कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है.

ईरान के साथ कौन-कौन से देश

रूस: ईरान और रूस के बीच दशकों से संबंध हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह दोनों पश्चिमी विचारों के विरोधी हैं. हाल के दिनों में दोनों और करीब आए हैं. यूक्रेन से लड़ाई के बाद ईरान ने रूस को कथित तौर पर हथियार और दूसरी चीजें दी हैं. एक और चीज पर गौर करना जरूरी है. ईरान ने इजरायल पर तब हमला किया, जब रूसी पीएम मिखाइल मिशुस्तीन इसी सप्ताह की शुरुआत में तेहरान दौरे पर गए थे. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में कहा, "मध्य पूर्व में बिडेन प्रशासन पूरी तरह विफल रहा…"

तुर्की: राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने मंगलवार को लेबनान में इजरायल के जमीनी अभियान की निंदा की और संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों से आग्रह किया कि वे "बिना समय बर्बाद किए" इजरायल को रोकें. एर्दोगन लगातार इजरायल की आलोचना करते रहे हैं. उन्होंने हाल में नेतन्याहू की तुलना नाजी जर्मनी के एडोल्फ हिटलर से करते हुए कहा, "मैं खुले तौर पर कहता हूं कि इजरायली नेतृत्व, उन्माद और विशुद्ध धार्मिक कट्टरता के साथ काम करते हुए, फिलिस्तीन और लेबनान के बाद हमारी मातृभूमि पर अपनी नजरें गड़ाएगा…"

चीन: पिछले महीने वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों के साथ चर्चा में, चीन के दो शीर्ष राजनयिकों ने ईरान समर्थित हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच एक व्यापक संघर्ष की बढ़ती संभावना के मद्देनजर तेहरान के लिए समर्थन व्यक्त किया था. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि तेहरान को अपनी "संप्रभुता, सुरक्षा, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय गरिमा" की रक्षा करने में बीजिंग का समर्थन है.

लेबनान: इजरायल और लेबनान के बीच हमेशा से छत्तीस का आंकड़ा रहा है. वह ईरान का करीबी है. ईरान ने इजरायल पर हमला भी हिजबुल्लाब के चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद किया, जो लेबनान से ऑपरेट करता है.

यमन: इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ अभियान शुरू किया तो यमन के ईरान समर्थित हौथी विद्रोही सामने आ गए. उन्होंने इजरायल पर नाकाम हमला किया. ईरान के साथ खड़े यमन के हौथी विद्रोही मध्य पूर्व में चल रहे संघर्षों में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं.

सीरिया: ईरान के साथ सीरिया पर भी खड़ा रहा है. उसने कई मौकों पर ईरान को मदद और समर्थन की पेशकश की है.

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