महाराष्ट्र के बढ़ते हुए संकट को देखते हुए बेटी की बाप को मनाने की कोशिश शिवसेना में घमासान जल्द शांत होने के आसार
एकनाथ शिंदे और बागी विधायक जहां गुवाहाटी में हैं, वहीं श्रीकांत शिंदे ने ठाणे में मोर्चा संभाल रखा है. सोमवार को उनकी अगुआई में शिंदे समर्थकों ने ठाणे के शिवसेना मुख्यालय पर शक्ति प्रदर्शन भी किया था. अब उन्हीं के जरिए शिवसेना के सांसद शिंदे के तीखे तेवरों को शांत करने की उम्मीद लगा रहे हैं. शिवसेना के इस वक्त लोकसभा में 19 और राज्यसभा में 3 सांसद हैं. श्रीकांत शिंदे खुद कल्याण से सांसद हैं. ऐसे में पार्टी के 5 सांसदों का एक दल श्रीकांत के जरिए एकनाथ शिंदे को मनाने की मुहिम में जुटा हुआ है. दावा है कि पार्टी को एकजुट रखने का हवाला देते हुए श्रीकांत शिंदे से कई दौर की बातचीत हो चुकी है.
इस दल के एक सांसद के नाम जाहिर न करने की शर्त पर हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि हम तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि मुंबई और ठाणे की सड़कों पर शिवसैनिकों के बीच आपसी भिड़ंत न हो. अगर शिंदे समर्थक और उद्धव समर्थक शिवसैनिक आमने-सामने आते हैं, तो पुलिस कार्रवाई करेगी और नुकसान शिवसेना का ही होगा. शिवसेना में सुलह की कोशिशों में जुटे सांसदों के इस दल को उम्मीद है कि इस काम में एनसीपी प्रमुख शरद पवार मदद कर सकते हैं. वह इसके लिए 2019 का उदाहरण देते हैं, जब अजीत पवार ने बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर शपथ ले ली थी, लेकिन शरद पवार के प्रयासों से अजित पवार को पार्टी में वापस लाया गया था.
एक अन्य सांसद ने एचटी से कहा कि श्रीकांत हमारा दोस्त है. हम उससे बातचीत कर रहे हैं. हमारा मकसद उद्धव साहब के नेतृत्व में पार्टी को एकजुट रखना है. हम कोशिश कर रहे हैं कि श्रीकांत इसके लिए अपने पिता को मनाए. एक तीसरे सांसद ने कहा कि हमने पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से भी अनुरोध किया है कि वो बागी नेताओं के प्रति सख्ती न दिखाएं और सुलह पर जोर दें. शिवसेना सांसदों का दावा है कि उन्होंने गुवाहाटी में बागी विधायकों में से कुछ से अंदरखाने बातचीत शुरू की है, लेकिन वो भी मानते हैं कि बागियों को मनाना आसान नहीं है.