कर्नाटक के सीएम को इन हस्तियों ने राज्य में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर चिंता जताई है
इस खत पर इतिहासकार रामचंद्र गुहा और प्रोफेसर जानकारी, पर्यावरणविद नागेश हेगड़े, अल्मित्रा पटेल, समाजशास्त्री ए आर वसाली और प्रोफेसर सतीश देशपांडे के हस्ताक्षर हैं। इसके अलावा वैज्ञानिक प्रोफेसर शारदाचंद्र लेले, प्रोफेसर विनोद गौर और प्रोफेसर विद्यानंद- ननजुनदियाह, लेखक विवेक शानबाग, पुरूषोत्तम बिलीमेल और केपी सुरेश तथा कार्यकर्ता बेजवदा विल्सन समेत अन्य कई लोग शामिल हैं।
इन लोगों ने कहा है कि पिछले कुछ महीनों में राज्य के कई जिलों में दर्दनाक हत्याएं हुई हैं। इसके अलावा अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों पर धमकी और हमले बढ़े हैं। साथ ही साथ नफरत भरे बयान भी अक्सर सामने आ रहे हैं। इन हस्तियों का कहना है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ ऑनर कीलिंग भी बढ़ी है और साथ ही साथ विधानसभा सदस्यों के नफरत भरे बयान भी बढ़े हैं। इससे धार्मिक समुदायों के बीच तनाव बढ़ा है। इन लोगों ने कहा है कि विधायकों द्वारा दिये गये असंवैधानिक बयानों की वजह से एंटी-सोशल ग्रुप का मनोबल भी बढ़ा है।
इस खत पर हस्ताक्षर करने वालों का कहना है कि कर्नाटक का इतिहास विकास का इतिहास रहा है। इस तरह की घटनाएं राज्य की पहचान के लिए ठीक नहीं हैं। इनका कहना है कि कर्नाटक अपनी संघीय मजबूती को खो रहा है। ऐसी घटनाओं से कर्नाटक की जो पहचान धर्मनिरपेक्षता की रही है वो भी गुम हो रही है।