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मुंबई, मध्य रेल के परेल वर्कशॉप ने लॉकडाउन के दौरान उत्तर रेलवे के लिए नैरो गेज लोकोमोटिव का निर्माण किया। परेल वर्क शॉप में बन रहे १२ लोकोमोटिव में से १०वां लोकोमोटिव भी बनकर तैयार हो गया है, जिसका उद्घाटन कल रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सुनीत शर्मा ने किया। जल्द ही मुंबई में बना यह लोकोमोटिव अब कांगड़ा वैली और कालका शिमला में पर्यटन की शोभा बढ़ाएगा।
जानकारी के मुताबिक कांगड़ा वैली रेलवे एक २ फीट ६ इंच (७६२ मिमी) गेज रेलवे है, जो पंजाब के पठानकोट से हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर तक चलती है। यह कांगड़ा वैली उप-हिमालयी क्षेत्र से चलती है और १६४ किमी (१०१.९ मील) लंबी है।
लॉकडाउन की परिस्थिति में सभी सुरक्षा प्रबंधों व सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों और सीमित संसाधनों का पालन करते हुए इस लोको का निर्माण किया गया है। मध्य रेल को १२ लोकोमोटिव के मिले ऑर्डर में से यह १०वां लोकोमोटिव है। इस वर्कशॉप से नवंबर, २०१९ और २०२१ तक १० ऐसे लोको का निर्माण हो चुका है।
उत्तर भारत में सर्दियों की गंभीर परिस्थितियों में काम करने में सक्षम बनाने के लिए लोको कोल्ड स्टार्ट से लैस किया जाता है। इंजन को आवश्यकता के अनुसार ठंडा करने के लिए ‘ऑन डिमांड कूलिंग सिस्टम’ से लैस किया गया है, जो कि एयर-ब्रेक ब्रॉड गेज लोको के समान हैं। डीजल इंजन के प्रदर्शन मापदंडों को इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाता है।
लोको में सेफ्टी फीचर्स जैसे ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग, विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस और रिकॉर्डर के साथ इलेक्ट्रॉनिक स्पीडोमीटर दिए गए हैं। एयर ब्रेक ट्रेलिंग लोड की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हैवी डयूटी कंप्रेसर स्थापित किए गए हैं। ड्राइवर की वैâब में हैंड ब्रेक भी दिए गए हैं।



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