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मुंबई, पूर्वी उत्तर भारत में छठ पूजा का काफी महत्व है। पिछले एक दशक से मुंबई में भी छठ पूजा की धूम होने लगी है। कोरोना के चलते पिछले वर्ष छठ पूजा को लोगों ने घर में ही मनाया लेकिन इस बार कोरोना कम होने के साथ ही समुद्र के किनारे और तालाबों के किनारे छठ मैया की पूजा बड़े जोर-शोर से होने की संभावना है। चूंकि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में भीड़भाड़ बढ़ने से कोरोना का खतरा फिर कायम हो सकता है। मनपा ने लोगों को छठ पूजा मनाने के लिए सशर्त अनुमति दी है। आगामी १० नवंबर को होनेवाली छठ पूजा को लेकर मनपा अधिकारियों ने अपने रिस्ट्रिक्शन को लागू करने की तैयारी की है। लोगों से अपील की है कि छठ पूजा का सेलिब्रेशन जरूर करें लेकिन कोरोना पाबंदियों के दायरे में रहकर। इससे लोगों की सुरक्षा बनी रहेगी।
मनपा की गाइडलाइन के अनुसार कोरोना महामारी के मद्देनजर सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ से बचने के लिए कृत्रिम तालाबों में पूजा करें। मनपा ने पुलिस से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि समारोहों में भीड़ न हो, ऐसा करनेवालों पर कार्रवाई की जाए।
छठ पूजा के दौरान समुद्र तटों पर देखी जानेवाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए लोगों को सामाजिक दूरी बरतने, कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना संभव नहीं होगा। इसलिए समुद्र के किनारे छठ पूजा के सामूहिक उत्सव से लोगों को बचना चाहिए। जो संगठन वॉर्ड स्तर पर कार्यक्रम की अनुमति मांग रहे हैं, वे अपने खर्च पर कृत्रिम तालाबों का निर्माण करें और छठ पूजा खत्म होने के बाद तालाबों को भी पाट दें।


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