भागा कोरोना का डर, दिवाली पर मास्क और सोशल डिस्टेंस की उड़ी धज्जियां!
ठाणे : कोरोना के मरीजों की घटती संख्या को देखते हुए इस साल सरकार ने ढील तो दे दी है लेकिन इस ढील का अधिक ही फायदा लोग उठाते दिखाई दे रहे है। आलम है कि बाजारों में भारी भीड़ लगी हुई है और लोगों के चेहरे पर न तो मास्क नजर आ रहा है और न ही सोशल डिस्टेंसिंग दिखाई दे रहा है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, केवल दो प्रतिशत लोग ही मास्क पहनते हैं और केवल तीन प्रतिशत ही सामाजिक दूरी बनाए रखते हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना की पहली और फिर दूसरी लहर ने पूरे देश में भारी दहशत फैला दी थी। मरने वालों की संख्या बढ़ने से घरों में अफरातफरी का माहौल था। इस साल गणपति और दशहरा के बाद कई लोग बिना किसी झिझक के ऐसे घूम रहे हैं मानो उत्साह में दिवाली मनाने की ठान ली हो। वर्तमान में राज्य में कोरोना पीड़ितों की संख्या में कमी आई है।
हर दिन खरीदारी के लिए भीड़ लगी रहती है
पिछले साल दिवाली पर कोरोना संकट का साया छाया रहा। हालांकि इस साल कोरोना पाबंदियों में ढील के बाद ठाणे के राम मारुति रोड, गोखले रोड, जंभाली नाका में हर दिन खरीदारी के लिए भीड़ लगी रहती है। ट्रैफिक जाम के बावजूद कोरोना को अपने और दूसरों से दूर रखने के नियम बनाए जा रहे हैं। लेकिन ठाणे में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उड़ती दिखाई दे रही है। लोग चेहरे पर मास्क भी नहीं लगाते दिखाई दे रहे है।
कोरोना की तीसरी लहर का खतरा
चिकित्सा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। लेकिन फिलहाल स्थानीय अंचल संगठन के एक सर्वे में यह पता लगाने की कोशिश की गई है कि कितने लोग कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का इस्तेमाल करते हैं।
इतने लोग मास्क का उपयोग करते हैं
इस सर्वे में 34 फीसदी लोगों ने सीधे तौर पर कहा कि 0 से 30 फीसदी लोग जिस इलाके में रहते हैं वहां या इलाके में मास्क पहनने के नियमों का पालन नहीं करते हैं। 36 फीसदी के मुताबिक 30 से 60 फीसदी लोग मास्क पहनना भूल जाते हैं। 8% लोग सोचते हैं कि 60 से 90% लोग मास्क का उपयोग नहीं करते हैं, जबकि केवल 2% लोग सोचते हैं कि 90% लोग मास्क का उपयोग करते हैं।
38 फीसदी लोग कहते है कि सोशल डिस्टेंसिंग कहीं नहीं दिखती है। जबकि 45 फीसदी लोगों के मुताबिक यह 0 से 30 फीसदी जगहों पर ही दिखाई दिया। 30 से 60 फीसदी जगहों पर 12 फीसदी ऐसा सोचते हैं। लगभग 60 से 90 स्थानों पर इस नियम का पालन किया गया। केवल 2% लोगों को लगा कि दो या दो से अधिक जगहों पर सामाजिक दूरी ठीक है। </p>