पटाखे जलाते समय सावधानी बरतनी जरूरी, डॉक्टरों की सलाह
ठाणे, दिवाली बस कुछ ही दिन दूर है। पटाखे जलाते समय सावधानी बरतनी जरूरी है क्योंकि जरा-सी लापरवाही आंख, कान, त्वचा और फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए डॉक्टरों का कहना है कि पटाखे जलाते समय सावधानी बरतें। एक फुलझड़ी से निकलनेवाले ७० सिगरेट जितना घातक धुएं से बचने की अपील डॉक्टरों ने की है।
बता दें कि पटाखे जलाए बिना दिवाली अधूरी-सी लगती है लेकिन यही पटाखे आम नागरिकों के लिए घातक हो सकते हैं, ऐसा डॉक्टरों का मानना है। कान, नाक, आंख विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप उप्पल के अनुसार पटाखों की आवाज से कान का पर्दा फट सकता है, पटाखों के प्रदूषण से नाक और गले में भी जलन हो सकती है। सर्दी, नाक बंद, गले में खराश और अस्थमा की परेशानी हो सकती है। नेत्र विशेषज्ञ डॉ. दिलीप गायतोंडे के अनुसार पटाखे जलाते समय उससे उचित दूरी बनाए रखें, वर्ना आंखों सहित विभिन्न समस्या हो सकती है।
पटाखे फोड़ते समय बच्चों पर विशेष ध्यान दें क्योंकि एक पटाखे से निकलनेवाली चिंगारी, ध्वनि एवं धुएं से आंखों, त्वचा और सांस संबंधी समस्या हो सकती है। एक फुलझड़ी से ७० सिगरेट का धुआं निकलता है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।