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मुंबई, कोयले की कमी के चलते हाल ही में देशभर में चिंता बढ़ गई थी। मुंबईकरों को अक्टूबर हीट पहले से सता रही थी, ऐसे में डर था कि कोयले की कमी से बिजली पर कोई असर न पड़े वर्ना स्थिति और खराब हो जाएगी। अब मुंबईकरों को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि रेलवे अब पूरी क्षमता से कोयले की ढुलाई में जुट गई है। सितंबर में रेलवे जहां प्रतिदिन ४३५ ट्रेनों (रेक) से कोयले की ढुलाई कर रही थी, वो संख्या अब ४८७ तक पहुंच गई है।
महाराष्ट्र के अधिकांश थर्मल प्लांट में मध्य रेलवे द्वारा कोयले की ढुलाई की जाती है। मरे द्वारा २०२०-२१ में ३०.७० मीट्रिक टन की ढुलाई की गई। २०१९-२० में ३२ मीट्रिक टन से थोड़ी ज्यादा ढुलाई हुआ करती थी। एक अधिकारी ने बताया कि अब रेलवे ५९ डिब्बों की ट्रेन चला रही है। प्रत्येक वैगन में करीब ६०-७५ टन कोयला लदा हुआ होता है। अब कोयले की ट्रेनों के फेरे बढ़ रहे हैं। पिछले एक साल में फ्रेट ट्रेनों की रफ्तार में भी इजाफा हुआ है।



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