पेट्रोल १०० रुपए लीटर हो जाए तो सब्जी कहां से १० रुपए किलो मिलेगी? कीमतों में उछाल
मुंबई, रोज तेजी से बढ़ रही महंगाई से फिलहाल आम लोगों को राहत मिलने की गुंजाइश नहीं दिख रही है। एक तरफ जहां ईंधन के दामों में भी वृद्धि दर्ज हुई, वहीं सब्जी के दाम भी बजट गड़बड़ा सकते हैं। खाद्य तेलों के भाव पहले से आसमान पर थे, रसोई गैस भी लगातार महंगी होती जा रही है, वहीं अक्टूबर महीने की शुरुआत में सब्जियों के दाम कई गुना बढ़ गए। एपीएमसी थोक मार्केट में टमाटर ४५ रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है तो शिमला मिर्च १०० रुपए किलो और धनिया ५० रुपए जोड़ी तक पहुंच गई है। एपीएमसी सब्जी मार्वेâट के व्यापारी राजेश अग्रहरि ने बताया कि मानसून के समय अक्सर फसलें खराब होती हैं। इस बार बरसात देरी से होने के कारण फसलें बहुत ज्यादा खराब हुर्इं। किसान से सब्जियां खरीदनेवाले को इस वक्त ५० हजार से १ लाख रुपए तक प्रति गाड़ी नुकसान हो रहा है। पेट्रोल १०० रुपए लीटर हो जाए तो सब्जी कहां से १० रुपए किलो मिलेगी? ८ से ९ रुपए किलो तो किराया ही किराया है। एक महीने पहले तक एक लाख रुपए में बंगलुरू से गाड़ी का आना और जाना हो जाता था लेकिन उन्होंने आज एक लाख २५ हजार से एक लाख ४० हजार तक का भाड़ा लग रहा है यानी ३० से ३५ हजार महंगे र्इंधन के कारण ट्रांसपोर्टेशन का भाड़ा बढ़ गया है। सरकार को राहत देनी चाहिए। टमाटर ४०-४५ रुपए प्रति किलो बिक रहा है, वहीं शिमला मिर्च ७०-१०० रुपए किलो है। एक महीने पहले यह १९ रुपए किलो बिक रही थी। २० रुपए किलो की लागत सिर्फ किराए की लग रही थी। धनिया अब ६०-७० रुपए किलो है।
सब्जी मार्वेâट के व्यापारी भीमा हांजे बताते हैं कि थोक में टमाटर लेकर जानेवाले खरीददारों में भी कमी आ गई है। सब्जी खराब भी निकलती है तो भी उस पर ट्रांसपोर्टेशन लगता है। प्याज विक्रेता भाऊसाहेब जगताप ने बताया कि प्याज एक महीने पहले १८-२० रुपए किलो था लेकिन अब ३०-४५ रुपए किलो थोक में है। प्याज इस समय महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से आ रहा है जबकि आलू इस समय १४ रुपए प्रति किलो है।