पत्रकार विकास रंजन को मिला इंसाफ!
मुंबई, बिहार के पत्रकार विकास रंजन के परिजन आज सुकून की सांस ले रहे होंगे। समस्तीपुर जिले के बहुचर्चित पत्रकार विकास रंजन हत्याकांड में कल अदालत ने अहम पैâसला देते हुए १४ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत का यह पैâसला पत्रकार विकास रंजन के परिजनों के जख्मों पर कानूनी मरहम तो है ही, लेकिन यह पूरे देश के पत्रकारों के लिए राहत की खबर भी है। इससे उन तमाम लोगों को एक सबक मिलेगा, जो लोगों के अधिकार के लिए लड़नेवाले पत्रकारों पर हमला करने का दुस्साहस करते हैं।
बिहार में सिवान जिले के पत्रकार विकास रंजन २४ वर्षों से पत्रकारिता कर रहे थे। हिंदी दैनिक ‘हिंदुस्तान’ के ब्यूरो चीफ विकास रंजन की हत्या १३ मई की रात ८ बजे अपराधियों ने गोली मारकर कर दी थी। उन्हें सिवान जिले के रेलवे स्टेशन के बाहर गोली मारी गई थी। वारदात के समय विकास कार्यालय से अपने घर जा रहे थे। देर शाम करीब आठ बजे टाउन थाना क्षेत्र के ओवरब्रिज के निकट अज्ञात अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी थी। इस घटना को तब अंजाम दिया गया था जब पत्रकार अपने कार्यालय से निकल कर घर जाने को बाइक में चाबी लगा रहे थे। इसके बाद, उनकी पत्नी आशा यादव उर्फ आशा रंजन ने सिवान टाउन थाने में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच में लड्डन मियां, मो. वैâफ उर्फ बंटी, रिशु कुमार जायसवाल व मो. जावेद सहित अन्य की संलिप्तता पाते हुए सिवान के सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
पुलिस जांच में बड़ी मछलियों को बचाने का प्रयास किया गया था, क्योंकि सभी लोग जानते थे कि विकास रंजन की हत्या में बिहार के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन का हाथ था लेकिन शहाबुद्दीन का नाम पुलिसिया जांच रिपोर्ट में सामने नहीं आया था। नतीजतन विकास रंजन की पत्नी आशा रंजन ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। याचिका पर सुनवाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था।
अदालत के आदेश पर मामले की जांच कर रही सीबीआई ने रिपोर्ट में बताया कि विकास रंजन की हत्या बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के शह पर की गई थी। सीबीआई चार्जशीट में बताया गया है कि २०१४ के दिसंबर महीने में पत्रकार ने शहाबुद्दीन से संबंधित बड़ा खुलासा किया था। रिपोर्टों के अनुसार विकास ने एक खबर में खुलासा किया था कि शहाबुद्दीन, सिवान जेल में बैठकर अपना गैंग चला रहे थे। ‘सिवान जेल से जारी हिटलिस्ट पर हत्याएं’ खबर के कारण पूर्व सांसद शहाबुद्दीन ने पत्रकार विकास रंजन की हत्या की साजिश रची थी। मार्च, २०१६ में सिवान जेल में बिहार सरकार के तत्कालीन मंत्री अब्दुल गफूर और रघुनाथपुर के विधायक हरिशंकर यादव ने शहाबुद्दीन के साथ मीटिंग की थी। इस मीटिंग का वीडियो पहले पत्रकार विकास रंजन ने सोशल साइट पर वायरल किया था, बाद में सभी अखबारों में खबरें छपी थीं।