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मुंबई, कोरोना महामारी की तीसरी लहर आने की संभावनाओं के बीच कुछ वैज्ञानिकों ने राहत की खबर दी है। वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावनाएं कम नजर आ रही हैं। टीकाकरण और नियमों का पालन वह ढाल है, जिससे तीसरी लहर ज्यादा प्रभावी नहीं होगी। तीसरी लहर आती है तो भी उसका असर दूसरी लहर से काफी कमजोर होगा।
महाराष्ट्र पर गौर करें तो कोरोना मरीजों की संख्या कम हो रही है। पिछले तीन दिनों से मरीजों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। सोमवार को राज्य में २,७४० नए मरीज मिले जबकि २७ की मृत्यु हुई। ३,२३३ मरीज ठीक होकर घर गए। राज्य में रिकवरी दर ९७.०५ प्रतिशत है और मृत्यु दर २.१२ फीसदी है। जैसे-जैसे टीके की दोनों खुराक लेने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे संक्रमण की दर भी घटती जा रही है।
आईसीएमआर के पूर्व वैज्ञानिक डॉक्टर रमन गंगाखेड़कर बताते हैं कि देश में तीसरी लहर की संभावना बेहद कम है। हालांकि उन्होंने स्कूल जल्दबाजी में खोलने पर बल दिया है क्योंकि शोध में पाया गया है कि बच्चों में कोविड का प्रभाव लंबे समय तक रहता है। वरिष्ठ वैज्ञानिक मणींद्र अग्रवाल के मुताबिक टीकाकरण के कारण संक्रमण कम हो रहा है। इससे तीसरी लहर का खतरा न के बराबर है। अक्टूबर तक देश में कोरोना के एक्टिव मामले १५ हजार के आस-पास ही रहेंगे। कई वैज्ञानिकों का मानना है कि आगे जाकर कोविड- १९ इनफ्लुएंजा वायरस की तरह बन सकता है। टीका लेने के बाद जिन्हें संक्रमण होगा, उनमें लक्षण नहीं दिखाई देंगे लेकिन माइल्ड सिस्टम दिखाई देगा। टीके के बाद मास्क लगाना और सामाजिक दूरी बनाए रखना जरूरी है।


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