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मुंबई, साकीनाका में एक महिला का बलात्कार और उसके बाद उसकी मौत एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।‌ इस मामले में एक महीने के भीतर चार्जशीट फाइल की जाए। त्वरित न्याय क्या होता है, यह ऐसे नराधमों को दिखा दिया जाना चाहिए ताकि आगे कोई भी ऐसा करने की हिम्मत न करे। आज से इस मामले के मुकदमे की तैयारी के लिए तत्काल विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति की जाए, ऐसा स्पष्ट निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुंबई की एक सुरक्षित शहर की प्रतिमा है। इस एक घटना के कारण मुंबई की प्रतिमा धूमिल न हो, इसके लिए महिलाओं की सुरक्षा के मामले में पुलिस और अधिक सतर्क रहकर उपाय योजना करने का आदेश देते हुए उन्होंने पुलिस प्रशासन को एक महीने के भीतर आरोप पत्र दायर करने का भी निर्देश दिया है। साकीनाका घटना को लेकर कल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पुलिस के आला अधिकारियों के साथ ताबड़तोड़ बैठकें की। इस दौरान उन्होंने उपरोक्त सख्ती के आदेश दिए।
साकीनाका में पुलिस नियंत्रण कक्ष को घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महज दस मिनट में मौके पर पहुंची और घायल महिला को राजावाड़ी अस्पताल पहुंचाया। समय न गंवाते हुए पुलिस ने संदिग्ध आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस की इस तत्परता पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने संतोष जताया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि घटना के सभी फोरेंसिक और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के साथ गवाहों के सबूत जुटाकर उचित रूप से मामला अदालत में प्रस्तुत किया जाए और इसमें कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
इस बैठक में मुख्य सचिव सीताराम कुंटे, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह विभाग) मनुकुमार श्रीवास्तव, पुलिस महानिदेशक संजय पांडे, पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले, सह पुलिस आयुक्त विश्वास नांगरे पाटील और मिलिंद भारंबे उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई होगी। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। पीड़ित महिला को न्याय दिलवाना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मुंबई को देश के सबसे सुरक्षित शहरों में जाना जाता है। लोगों को पुलिस और कानून-व्यवस्था पर भरोसा है, लेकिन इस तरह की घटनाओं से हमें और भी सतर्क रहने की जरूरत है। इस दौरान उन्होंने पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
 

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