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मुंबई, महाराष्ट्र में भाजपा से शुरू विवाद के बीच शिवसेना को महाविकास आघाड़ी सरकार में सहयोगी दलों से भी जूझना पड़ रहा है। ताजा मामला महाराष्ट्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री मोहम्मद आरिफ नसीम खान की एक याचिका का है, जिस पर शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमे चांदीवली के विधायक दिलीप मामा लांडे उपस्थित हुए।
दरअसल, कांग्रेस नेता नसीम खान ने शिवसेना विधायक दिलीप लांडे के खिलाफ एक चुनावी याचिका दायर की है, जिस पर शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में पहली बार न्यायमूर्ति एसके शिंदे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष सुनवाई होगी। अक्तूबर 2019 में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में नसीम खान बतौर कांग्रेस प्रत्याशी दिलीप लांडे के खिलाफ 409 मतों के छोटे अंतर से चांदीवली सीट से चुनाव हार गए थे।
खान ने अपनी याचिका में 20 अक्टूबर, 2019 को शिवसेना अध्यक्ष और अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ उनके करीबी सहयोगी राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब तथा फिल्म अभिनेता मिलिंद गुनाजी पर चुनाव प्रचार की अवधि समाप्त होने के बाद भी चुनाव प्रचार करने का आरोप लगाया है। राज्य में 21 अक्टूबर 2019 को मतदान हुआ था।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि उद्धव ठाकरे ने गैरकानूनी तरीके से चुनाव प्रचार किया, जो चुनाव आयोग के मानदंडों के खिलाफ था। इसके परिणामस्वरूप एक गैरकानूनी चुनाव प्रक्रिया हुई जिससे वह महज 409 मतों के अंतर से चुनाव हार गए।
नसीम खान ने अपनी याचिका में यह भी आरोप लगाया है कि चुनाव प्रचार में उनके खिलाफ एक फर्जी वीडियो प्रसारित किया गया था जिसमें उन्हें पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाते हुए दिखाया गया था। खान ने कहा कि चुनावी अनियमितताओं के खिलाफ उन्होंने तत्काल शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने कोई कार्रवाई नहीं की।

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