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वसई: निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद भी लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा है। वसई तालुका में स्लम क्षेत्र नालासोपारा में सबसे ज्यादा समस्या है। टिकट खिड़कियों से भीड़ गायब होकर अस्पतालों के बाहर नजर आ रही है। लाइफ लाइन लोकल में यात्रा को लेकर लोगों में आस है, तो वहीं सरकार की उदासीनता को लेकर भारी आक्रोश भी है। लोगों का कहना है कि पहले वैक्सीन उपलब्ध कराना चाहिए थी, उसके बाद ये नियम लागू होने चाहिए थे।
एक तरफ सरकार कोरोना कि तीसरी लहर को लेकर चेता रही है, तो दूसरी ओर अस्पतालों के बाहर भारी भीड़ जमा कर इस महामारी को दावत दे रही है। वैक्सीनेशन को लेकर एक बड़ी समस्या यह है कि वैक्सीन के डोज का संतुलन न होने के कारण लोगों को दूसरी डोज नहीं मिल पा रही है। वसई तालुका की बात करें तो यहां कोविशील्ड की भारी किल्लत है, तो को-वैक्सीन गायब ही है।
कोवैक्सीन का पहला डोज लेने वाले तमाम लोगों का दूसरा डोज का समय समाप्त हो चुका है, उसके बावजूद वैक्सीन नहीं मिल रही है। संतोष हरिशरण मिश्रा ने बताया कि वह पिछले 15 दिनों से दूसरे डोज के लिए अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। फिर भी वैक्सीन नहीं मिल रही है। बीजेपी नेता मनोज बारोत ने कहा कि सरकार को पहले वैक्सीन बढ़ानी चाहिए थी। उसके बाद लोकल में अनुमति देनी चाहिए थी। 30 लाख आबादी वाले वसई विरार में अब तक सिर्फ 4 लाख 15 हजार लोगों को वैक्सीन मिली है।

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